MP: भोपाल में अंतरराष्ट्रीय वन मेला शुरू, CM ने तेंदूपत्ता संग्रहण महिलाओं और समिति प्रबंधकों के लिए की ये अहम घोषणाएं
Bhopal News: मेले में शिवराज सिंह चौहान ने कहा- हमारे वन वनौषधियों से समृद्ध रहें और हमारे भाई-बहनों जो जंगलों में निवास करते हैं, इसका संग्रहण करके अपनी आय बढ़ायें, इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
International Forest Fair 2022: मध्य प्रदेश के महुए की महक ब्रिटेन के लंदन में महक रही है. लंदन में एमपी का महुआ 100 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर निर्यात किया जा रहा है. यह जानकारी वनमंत्री विजय कुंवर शाह ने वन मेले में दी है. उन्होंने बताया कि पहले दस से पंद्रह रुपए किलो महुआ बड़े व्यापारी लेते थे लेकिन अब साफ सुथरा महुआ सीधे ब्रिटेन पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 40 क्विंटल महुआ ब्रिटेन भेजा गया है. अगले वर्ष मध्य प्रदेश के महुए की कीमत लगभग डेढ़ सौ रुपए प्रतिकिलो मिलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि साफ सुथरे महुए के लिए पेड़ों पर सीधे जाली लगा दी गई है जिसकी वजह से अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मुताबिक महुआ प्राप्त हो रहा है.
सीएम ने किया वन मेले का शुभारंभ
बता दें कि आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में सात दिवसीय वन मेले का शुभारंभ किया. शुभारंभ के मौके पर सीएम चौहान ने तेंदूपत्ता संग्रहण महिलाओं को साड़ी, पीने के पानी की कंटेनर और उच्च गुणवत्ता के जूते दिए जाने की घोषणा की. इसके अलावा समिति प्रबंधकों को 13 हजार रुपए प्रतिमाह देने की भी घोषणा की. इससे पहले उन्हें 10 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते थे.
सीएम बोले- वनों का सरंक्षण जरूरी
उन्होंने वनों और जंगलों में रहने वालों को समृद्ध बनाने की दिशा में काम करने वालों के लिए बेहतर योजनाएं बनाने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वन औषधियों से अब कई गंभीर बीमारियों का अचूक इलाज हो रहा है. उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण करना बेहद जरुरी है क्योंकि अब आयुर्वेद पर एक बड़ी आबादी निर्भर करती है. वन इलाकों में रहने वाले वैद्य कई बीमारियों का बिना साइडइफेक्ट के इलाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एलोपैथी का अपना महत्व है, लेकिन आयुर्वेद काफी कारगार साबित हुआ है. इसका ताजा उदाहरण है कोविड काल में जब कोई भी दवाई नहीं थी, तब आयुष विभाग के काढ़े ने कमाल के परिणाम दिखाए हैं. काढ़े ने कई लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर किया.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर्बल उत्पादों का उपयोग कर औषधि बनाने वालों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इस वन मेले से लोग अपनी आवश्यकतानुसार औषधि खरीदें और अपने शरीर को निरोगी बनाएं. शुभारंभ कार्यक्रम में वनमंत्री विजय कुंवर शाह, राज्य मंत्री, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, स्वास्थ्य कल्याण मंत्री प्रभूराम चौधरी, वन विभाग के अपर सचिव जेएन कंसोटिया शामिल रहे.
2018 के बाद अब मिलेंगी तेंदू संग्रहण महिलाओं को साड़ियां
वन मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तेंदूपत्ता संग्रहण महिलाओं के लिए साड़ियां, पीने के पानी का कंटेनर और जूते वितरण करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वन विभाग इसकी व्यवस्था करे. इससे पहले 2018 तक तेंदूपत्ता संग्रहण महिलाओं को साड़ियां और पानी के कंटेनर हर साल दिए जाते थे लेकिन लगभग 2017 के बाद से यह योजना बंद हो गई थी. मुख्यमंत्री ने अब इसे पुन: शुरु करने के निर्देश दिए हैं.
समिति प्रबंधकों को 13 हजार रुपए प्रतिमाह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समिति प्रबंधकों को 13 हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 2016 में हमारी सरकार ने ही समिति प्रबंधकों को 6 हजार रुपए और फिर दस हजार रुपए देना शुरु किए थे. अब दस हजार रुपए से बढ़ाकर 13 हजार रुपए किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब तबके की आमदानी में बढ़ोत्तरी होना बेहद जरुरी है. इससे उनके जीवन का स्तर बेहतर होगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वनमंत्री विजय कुंवर शाह सहित वन विभाग के अधिकारियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेले का आयोजन करने के लिए बधाई दी.
ईएमएसपी सॉफ्टवेयर का लोकार्पण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माउस क्लिक कर वन विभाग द्वारा तैयार किया गया ईएमएसपी सॉफ्टवेयर का भी लोकार्पण किया. यह साफ्टवेयर तेंदूपत्ता संग्रहण का डाटा और तेंदूपत्ता संग्रहक का पंजीयन ऑनलाइन करेगा. इस साफ्टवेयर में वनोंपज संबंधी जानकारी भी दर्ज की जाएगी, जिसमें तेंदूपत्ता शामिल है.
मुलेठी लेकर गए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन मेले के भ्रमण के दौरान वनमंत्री विजय कुंवर शाह से मुलेठी लेने की बात कही. उन्होंने इसका जिक्र अपने संबोधन में भी किया. मुख्यमंत्री अपने गले को बेहतर रखने के लिए मुलेठी साथ लेकर गए. इसके अलावा सभी अतिथियों को वन विभाग ने हर्बल उत्पाद भेंट स्वरूप दिए. अतिथियों को तुलसी और बैल के पौधे उपहार स्वरूप दिए गए.
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