जबलपुर की जिला अदालत ने पारिवारिक संपत्ति में बंटवारे के लिए अपने ही पिता की कैंची मारकर हत्या करने के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश उदय सिंह मरावी की कोर्ट ने आरोपी को अपनी भाभी पर भी जानलेवा हमला करने के जुर्म में 10 साल के कठिन कारावास की सजा और जुर्माने से दंडित किया है. दोनों सजाएँ एक साथ चलेंगी.


क्या है पूरा मामला


अभियोजन के अनुसार गोहलपुर थाना क्षेत्र निवासी शिखा कोष्टा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 15 नवंबर 2020 को उसका देवर मनीष कुमार कोष्टा उनके घर आया और संपत्ति के बँटवारे को लेकर उसके ससुर 67 साल के अथाई कोष्टा से विवाद किया. अगले दिन दोपहर में मनीष फिर उसके घर आया और संपत्ति के बंटवारे को लेकर झगड़ने लगा. विवाद होने पर मनीष ने अपनी पेंट की जेब से कैंची निकालकर उस पर हमला किया. वह गंभीर रूप से घायल हो गई. ससुर उसे बचाने आये तो उन्हें भी मनीष ने पेट में तीन-चार बार कैंची से मारा. इलाज के दौरान ससुर की मौत हो गई. शिखा की शिकायत पर थाना गोहलपुर में मामला दर्ज हुआ था.


भाभी पर हमले में कितनी सजा मिली है


विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.इस प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक जिला संगीता सिह परिहार द्वारा पैरवी की गई तथा अंतिम तर्क प्रस्तुत किए गए. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय उदय सिंह मरावी ने इस मामले के आरोपी मनीष कुमार कोष्टा को थाना गोहलपुर के विशेष प्रकरण क्रमांक 214/21 धारा 302 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और 2 हजार रुपये का अर्थदंड एवं धारा 307 में 10 साल के सश्रम कारावास और 1 हजार रुपपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई. 


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