(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vyapam Scam: व्यापमं मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, पांच आरोपियों को हुई 7 साल की सजा
मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले में सीबीआई के विशेष अदालत ने पांच आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उनके ऊपर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है.
MP News: मध्य प्रदेश का व्यापमं घोटाला देश के बहुचर्चित घोटाले में से एक है. व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं ) के तहत मध्य प्रदेश में सन 2004 से 2014 के मध्य 79 परीक्षाएं आयोजित की गई थी. 2013 में व्यापम के घोटाले का सिलसिला शुरू हुआ था. ज़ब पहली बार इंदौर पुलिस ने इस घोटाले मे शामिल 20 मुन्ना भाइयों को गिरफ्तार किया था. ये मुन्ना भाई मूल परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देने आये थे. जब इस पूरे मामले कि जांच की गई तो इसमें परत दर परत खुलती गई. इसके साथ ही इस घोटाले मे कई बड़े लोगों और नेताओं के नाम सामने आये थे. इस घोटाले के उजागर होने के बाद इससे जुड़े हुए 48 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
जांच के लिए किया गया था एस टी एफ का गठन
व्यापमं घोटाले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने एक जांच कमिटी विशेष कार्य बल (एस टी एफ )का गठन किया था. लेकिन देश कि सर्वोच्य न्यायलय ने जुलाई 2015 मे एक आदेश पारित कर मामले की जांच देश कि सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सी बी आई ) को सौपने के लिए आदेश पारित किया था. जांच के बाद इंदौर की विशेष सी.बी.आई. कोर्ट ने इस मामले में शनिवार को 5 लोगों को दोषी मानकर उनके खिलाफ फैसला सुनाया था.
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आरोपियों को हुई पांच साल की सजा
वहीं इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने बताया कि 2009 में PMT की व्यापम परीक्षा में संयोगिता गंज पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जांच सी. बी.आई.को स्थानांतरित होने के बाद एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पूरे मामले में न्यायालय द्वारा आदेश पारित करते हुए 5 आरोपियों रविंद्र दुलावत, संजय दुलावत, सत्यपाल कुस्तवार, आशीष उत्तम, और शैलेन्द्र कुमार को दोषी करार दिया है. जिन्हें 7 साल का कारावास सहित 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है. वहीं एक आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया है.
मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा भी पाए गए थे दोषी
गौरतलब है कि इस पुरे मामले मे शिवराज सरकार मे मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा के साथ कई बड़े लोगों के नाम भी सामने आये थे. जिसके बाद उन्हें कई महीनों कि जेल भी काटनी पड़ी थी. कुछ समय पूर्व मंत्री का देहांत हो चुका है. तो वहीं इस मामले से जुड़े दोषियों को कानून उनके किए कृत्य के लिए सजा भी दे रहा है.
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