Sehore News: सीएम शिवराज के गृह जिले में बीजेपी नेताओं में फूट! पूर्व पंचायत अध्यक्ष के पोस्टर से विधायक गायब
2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव है. इसको देखते हुए बीजेपी पूरी तैयारी में जुटी हुई है. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में बीजेपी नेताओं में फूट दिख रही है.
MP News: साल 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुत सतर्क है. हर कदम फूंक-फूंक कर रही है. बीजेपी इस चुनाव को एक मिशन के रूप में देख रही है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के गृह जिले में स्थिति उलट दिख रही है. सीहोर जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की फूट अब खुलकर सामने आने के बाद चौक चौराहों पर आ पहुंची है. सीहोर बीजेपी के बड़े नेता अपने होर्डिंग्स पोस्टरों के माध्यम से बीजेपी की आपसी फूट को जगजाहिर कर रहे हैं.
नेताओं में दिख रहा फूट
नवंबर महीने में सीहोर जिला मुख्यालय के दो बड़े नेताओं के जन्मदिन आते हैं. 13 नवंबर को जहां पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जसपाल सिंह अरोरा का जन्मदिन है, तो वहीं 17 नवंबर को सीहोर बीजेपी विधायक सुदेश राय का जन्मदिन भी आता है. दोनों ही नेताओं के जन्मदिन को लेकर शहर होर्डिंग्स पोस्टरों से सज गया है.
हालांकि पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा का जन्मदिन है तो शहर में पहले उनके होर्डिंग्ज पोस्टर्स लगे हैं. अरोरा के पोस्टरों में सीहोर जिले के तमाम बीजेपी नेताओं के फोटो लगाए गए हैं. हालांकि आपसी गुटबाजी के चलते अरोरा के पोस्टरों से विधायक सुदेश राय का फोटो नदारद है. इधर अब 17 नवंबर को मनाए जाने वाले विधायक सुदेश राय के जन्मदिन को लेकर भी शहर में होर्डिंग पोस्टर लगना शुरू हो गए हैं. अरोरा द्वारा विधायक कि, की गई अनदेखी के बाद अब विधायक समर्थकों द्वारा लगाए गए पोस्टरों से भी अरोरा का फोटो गायब है. दोनों ही नेताओं की यह फूट अब सीहोर जिला मुख्यालय के चौक चौराहों पर आ पहुंची है. जो चर्चा का विषय बन गई है.
फूट से बीजेपी को हो सकता है नुकसान
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एक रख पाने में संगठन काफी कमजोर नजर आया है. संगठन की इन कमजोरियों की वजह से सीएम के जिले सीहोर में बीजेपी कार्यकर्ताओं की फूट सामने आ रही है. चर्चा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की यह फूट नुकसानदेह साबित हो सकती है.
फिलहाल सीएम का जिले बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यहां चार विधानसभाएं आती हैं. जिनमें सीहोर, बुधनी, आष्टा और इछावर है. चारों ही विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का कब्जा है. इसी तरह तीन संसदीय क्षेत्र जिनमें भोपाल, देवास और विदिशा है. तीनों ही सीटों पर भी बीजेपी के ही सांसद काबिज हैं. अब चर्चा है कि इस बार की फूट बीजेपी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. बता दें कि सीहोर बीजेपी जिलाध्यक्ष के पद पर रवि मालवीय हैं.