भोपाल: मध्य प्रदेश में भाई को राखी बांधने जा रही एक महिला बेतवा नदी में गिर गई.यह घटना गुरुवार शाम की है. इसके करीब 15 घंटे बाद उसे उस जगह से 16 किमी दूर से बचाया गया.जहां से वह नदी में गिरी थी. लेकिन इस दौरान उनके साथ एक बार फिर हादसा हो गया. उन्हें बचाकर जिस मोटरवोट से ले जाया जा रहा था, वह नदी में पलट गई. इससे वह फिर नदी में बहने लगीं. गनीमत यह थी कि वह लाइफ जैकेट पहने हुए थी और उन्हें फिर बचा लिया गया.
कहां और कैसे हुआ हादसा
विदिशा जिले की रहने वाली सोनम सिंह अपने भाई कल्लू डांगी के साथ रक्षाबंधन मनाने पडरिया गांव स्थित अपने मायके जा रही थीं. वो शाम करीब साढ़े छह बजे बारीघाट पुल पार कर रहे थे. इस दौरान सोनम का एक बैग नदी में जा गिरा. एसडीपीओ मनोज मिश्रा के मुताबिक लगता है कि बैग को निकालने के दौरान ही सोनम नदी में जा गिरीं. इसके बाद उनके भाई कल्लू ने एक किमी तक नदी के किनारे उनका पीछा किया, लेकिन करीब एक किमी दूर जाकर वो उनकी आंखों से ओझल हो गईं.
इसके बाद कल्लू ने घटना की सूचना पुलिस को दी. तबतक अंधेरा हो चुका था. करीब 3 घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद भी सोनम का कोई पता नहीं चला. मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन की एक टीम ने एक महिला की बचाने-बचाने की आवाज सुनी. वहां काफी अंधेरा था. उन्होंने बताया कि महिला शायद सर्चलाइट देखकर मदद के लिए चिल्ला रही थी.
सोनम को एक पेट्रोलिंग पार्टी ने ढूंढ निकाला. वो निर्माणाधीन गंज घाट पुल के एक खंभे के सरियों को पकड़े हुए थीं. यह जगह उस जगह से करीब ढाई किमी दूर है, जहां से वो गायब हुई थीं.
निकाले जाने के बाद क्या हुआ कि फिर नदी में बह गईं
उनके चार परिजन उनके पास सुबह करीब सवा तीन बजे पहुंच गए. उन्हें लाइफ जैकेट पहनाई गई और सुरक्षित एक मोटरबोट पर उतारा गया. उनको लेकर मोटरबोट किनारे की ओर रवाना हुई.लेकिन पानी के तेज बहाव में वह पलट गई. इसमें उस पर सवार सभी लोग फिर नदी में बह गए.
एसडीपीओ मिश्रा बताते हैं कि उन्हें एसपी ने सुबह साढ़े 3 बजे बताया कि हमने सफलापूर्वक महिला को बचा लिया है. उन्होंने बताया कि करीब आधे घंटे बाद मुझे बताया गया कि नाव ही पलट गई है. नाव पलटने के बाद अधिकारियों ने आसपास के गांवों के लोगों को बेतवा नदी में एक महिला की तलाश के लिए सतर्क किया.इस बार एक अच्छी बात यह हुई थी कि सोनम लाइफ जैकेट पहने हुए थीं.
खौफनाक 15 घंटों की कहानी
मिश्रा ने अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि हमें इस बात की जानकारी थी कि सोनम एक अच्छी तैराक हैं, क्योंकि वह नदी के तेज बहाव में भी करीब ढाई किमी तक बची हुई थीं. इस बार वह वहां से करीब 12 किमी आगे जाकर मिलीं.वो राजखेडा के पास एक पेड़ को पकड़े हुए मिलीं.यह पेड़ नदी के किनारे से करीब 120 मीटर दूरी पर था. उन्होंने बताया कि पांच ग्रामीणों की मदद से सोनम को वहां से निकाला गया और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. जांच में वह पूरी तरह स्वस्थ्य मिलीं. इसके बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया. मिश्रा ने बताया कि ये 15 घंटे उनकी जिंदगी के सबसे खौफनाक घंटे थे. लेकिन खुशी इस बात की है कि हमने उन्हें बचा लिया.
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