Jabalpur: अदालत की 44 पेशियों,15 हजार का खर्च और तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद सागर के छात्र ने माध्यमिक शिक्षा मंडल (BSE) को अपनी गलती सुधारने के लिए विवश कर दिया है. छात्र 12वीं क्लास की मार्कशीट में एक नंबर बढ़वाने के लिए संघर्ष कर रहा था लेकिन तब उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब बोर्ड ने 28 नम्बर बढ़ा दिए.
3 साल के संघर्ष के बाद मिली छात्र को जीत
यह एक छात्र की अपनी योग्यता और अन्याय के खिलाफ लड़ने की कहानी है.सागर के कबीर मंदिर के पास परकोटा के रहने वाले हेमंत शुक्ला के बेटे शांतनु शुक्ला ने 12वीं की पढ़ाई कामर्स विषय लेकर एक्सीलेंस स्कूल, सागर से की.उसने साल 2018 में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं की परीक्षा 74.8 प्रतिशत अंक लेकर पास की.शांतनु को पूरी उम्मीद थी कि उनके मार्क्स 75 से 80 प्रतिशत के बीच आएंगे.एक नंबर कम आने से उनके ओवरल ऑल मार्क्स 75 प्रतिशत भी नहीं आए और वह मुख्यमंत्री मेधावी योजना से भी वंचित हो गए. उन्हें सबसे कम 50 मार्क्स बुक कीपिंग और अकाउंटिंग सब्जेक्ट में मिले.
छात्र ने नहीं खोया अपना हौसला
शांतनु बेहद निराश हुए लेकिन अपना हौसला नहीं खोया.शांतनु ने बताया कि उन्होंने परिवार से चर्चा कर रीटोटलिंग के लिए अप्लाई किया,लेकिन रिजल्ट जस का तस आया.जब बोर्ड के रवैये से उन्हें निराशा मिली तो अदालत का दरवाजा खटखटाया और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई.कोर्ट ने सुनवाई करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल को दोबारा मूल्यांकन करने के आदेश दिए.शांतनु शुक्ला ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि उनका रिजल्ट 75 प्रतिशत से ऊपर ही आएगा.रीटोटलिंग के लिए अप्लाई किया तो उसमें एक भी नंबर नहीं बढ़ा.उन्होंने बोर्ड में अप्लाई कर बुक कीपिंग और अकाउंटिंग सब्जेक्ट की कॉपी निकलवाई.प्रश्न के उत्तर पर सही निशान लगे थे,लेकिन इसके नंबर नहीं दिए गए थे.
2018 में हाईकोर्ट में डाली थी अर्जी
बोर्ड के रवैये से दुखी शांतनु ने साल 2018 में ही जबलपुर हाईकोर्ट के वकील रामेश्वर सिंह के जरिए पिटीशन लगाई लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दो साल तक मामले में सुनवाई नहीं हुई.इसके बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट के 6 नोटिस जारी करने पर भी बोर्ड की ओर से कोई पक्ष नहीं रखा गया.पूरे मामले में करीब 44 पेशियां हुईं.फिर 21 फरवरी को अचानक बोर्ड से शांतनु को नई मार्कशीट मिल गई,जिसमें उसे 80.4 प्रतिशत अंक मिले हैं.शांतनु ने बताया कि विभाग की गलती से वह मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना से वंचित हुए थे.अब वह मेधावी छात्र योजना के लिए आवेदन करेंगे. इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा मंडल में आवेदन किया जाएगा.इस योजना में बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को आर्थिक मदद दी जाती है.
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