Bhopal News: मध्य प्रदेश के पचंमढ़ी (Panchmarhi) मे हुई थी चिंतन बैठक में मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने कई बड़े फैसले लिए थे. इसी बीच राज्य सरकार अब एक्शन में दिखाई दे रही है. ऐसे अधिकारी को मैदानी जिम्मेदारियों से हटाए जाने की तैयारी की जा रही है जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार, लापरवाही और असंवेदनशील का आरोप है. सूत्रों की माने तो पार्टी विधायकों और बीजेपी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के ऐसे अधिकारियों के प्रमाण सहित रिपोर्ट कार्ड बनाएं.


तैयार किया गया है अगले डेढ़ साल का रोडमैप
गौरतलब है कि पचमढ़ी ने चिंतन बैठक के बाद प्रदेश सरकार द्वारा अगले डेढ़ साल का रोडमैप तैयार किया गया है. इसमें बीजेपी संगठन से भी सहयोग मांगा गया है. जानकारों की मानें तो अगले माह संभावित स्थानांतरण पर रोक हटने के बाद ऐसे अधिकारियों की मैदानी पोस्टिंग से विदाई हो जाएगी. जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगें है. इन अधिकारियों को उनके विभागों मे लूपलाईन में डाला जाएगा. इनमें वे कर्मचारी भी शामिल होंगे जिनके खिलाफ शिकायतें लगातार आ रही है और वे लंबे समय से ही एक ही स्थान पर पदस्थ हुए है. सूत्रों की मानें तो पार्टी नेताओं विधायकों मंत्रियों से भी साफ तौर पर कह दिया गया है कि उनके द्वारा किसी भी तरह के दागी अधिकारी कर्मचारी की सिफारिश नहीं की जाए. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता के हितों की अनदेखी करने वाले एवं केंद्र प्रदेश सरकार की योजनाओं का हितग्राहियों को लाभ देने से वंचित करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को किसी भी रूप में बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. पिछले दिनों सीएम द्वारा पार्टी विधायकों को यह बता दिया गया है. 


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नहीं किया जाएगा भष्टाचार बर्दाश्त
मंत्रिमंडल की लगभग प्रत्येक बैठकों में मंत्रियों को भी हिदायत दी जा रही है कि उनके विभागों की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचना चाहिए. जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करना है विधायकों से कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के अधिकारी कर्मचारी पर नजर रखें और उनका रिपोर्ट कार्ड बनाएं जिससे गड़बड़ होने पर ऐसे अधिकारी कर्मचारी को मैदान पोस्टिंग से हटाया जा सके.


प्रदीप पटेल (विधायक एवं सदस्य मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग) ने बताया कि जनता के हित में जो भी योजनाएं संचालित हो रही हैं उनका शत प्रतिशत लाभ जनता को मिले इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा लगातार कसावट लाई जा रही है अगर इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही भ्रष्टाचार जैसी शिकायतें सामने आती है .तो संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा . वह कितना भी अहम क्यों न हो.


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