Betul Borewell Incident: बैतूल में मंगलवार की शाम से बोरवेल गिरे बच्चे तन्मय को निकाल लिया गया है, लेकिन तन्मय ने अब दम तोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि रात ढाई बजे एनडीआरएफ की टीम ने शव को बाहर निकाला.  तन्मय 6 दिसम्बर की शाम बोरवेल में गिरा था. साढ़े चार दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तन्मय का शव मिल पाया है. तन्मय के शव को जिला अस्पताल लाया जा रहा है. 


पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया
एडीएम बैतूल एस जयसवाल से मिली जानकारी के मुताबिक तन्मय का पोस्टमार्टम खत्म हो चुका है. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चेस्ट कन्जेकशन और रिब्स  ब्रेक होना मौत की वजह पाया गया. वहीं परिजनों ने बैतूल जिला अस्पताल से शव को लेकर मांडवी गांव के लिए रवाना हुए. वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि 'दुःख की इस घड़ी में तन्मय का परिवार स्वयं को अकेला न समझे, मैं और संपूर्ण मध्य प्रदेश परिवार के साथ है. राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता दी जायेगी. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें. विनम्र श्रद्धांजलि!'





55 फीट की गहराई में फंसा था तन्मय
दरअसल, मध्य प्रदेश के बैतूल में 8 साल का तन्मय मंगलवार शाम से ही बोरवेल में फंसा हुआ था. 55 फीट की गहराई पर फंसे तन्मय को बचाने के लिए 62 घंटे से राहत कार्य जारी था, लेकिन पानी और पत्थरों की वजह से प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था और मासूम के रेस्क्यू में देर होती जा रही थी. जानकारी के मुताबिक, प्रशासन तन्मय की पहुंच से काफी दूर थे. बच्चे को डायरेक्ट बोरवेल से निकालना मुश्किल था, इसलिए टीम ने बगल में एक गड्ढा खोदकर सुरंग के जरिए तन्मय तक पहुंचने का प्लान बनाया था. कल तक 8 फीट तक सुरंग खोदी जा चुकी थी, लेकिन 2 फीट बाकी थी.





बच्चे को बचाने में हो रही देरी, परेशान मां का फूटा गुस्सा
बोरवेल में फंसे मासूम तन्मय की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. मां ज्योति साहू ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बच्चे को बचाने में इतना टाइम लगा रहा है. इतना टाइम लगता है क्या? ऊपर से देखने भी नहीं दिया जा रहा कि क्या हो रहा है. मां का कहना है कि फिल्मों में जल्दी बचाव कार्य हो जाता है, लेकिन असल जिंदगी में नहीं. 3 दिन हो गए हैं और वह अपने बच्चे को सलामत देखना चाहती हैं. नाराज मां ने कहा कि अगर यह कोई नेता का बच्चा होता, तो इतना टाइम नहीं लगता.



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