भोपाल: मप्र के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर के शिक्षाविद व मेक्रो विजन स्कूल के संचालक आनंद प्रकाश चौकसे ने प्यार की मिसाल पेश करते हुए अपनी पत्नी को हुबहु आगरा के ताज महल की तरह घर बनवाकर तामिर कर दिया है. इस ताज महल जैसे 4 बेडरूम वाले घर को शिक्षाविद आनंद चौकसे ने अपनी पत्नी मंजूषा चौकसे को तोहफे में दिया है.


बता दें कि ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर में मुगल शासक शाहजहां असल में अपनी प्रियतमा मुमताज महल की याद में एक यादगार महल बनवाना चाहते थे. यह ताज महल बुरहानपुर से गुजरने वाली ताप्ती नदी के किनारे निर्मित होना प्रस्तावित था लेकिन कई कारणों से यह ताज महल बाद में बुरहानपुर की जगह आगरा में निर्मित हुआ. जिसे आज दुनिया आगरा के ताजमहल के नाम से जानती है.  




ताजमहल जैसे घर का निर्माण कराने में आई कई मुश्किलें


गौरतलब है मुगल शासक शाहजहां की पत्नी मुमताज महल ने स्थानीय ऐतिहासिक किले में ही प्रसव पीडा के दौरान अंतिम सांस ली और मुमताज महल का पार्थिव शरीर 6 महीने तक यहां आहुखाना में सुरक्षित रखा गया था. दूसरे बाशिंदों की तरह शिक्षाविद आनंद चौकसे को भी बुरहानपुर में ताज महल का निर्माण नहीं होने की कसक थी. ऐसे में जब उन्हें मौका मिला तो उन्होने अपनी पत्नी को ताज महल की तरह ही यादगार तोहफा देने की ठान ली और ताज महल जैसे घर का निर्माण करवाया. हालांकि इस निर्माण के दौरान उन्हें कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. लेकिन आऩंद प्रकाश चौकसे के अपने दृढ निश्चय और अटूट विश्वास के चलते उनकी मातहत तकनीकी टीम ने ताज महल जैसा मकान बनाने में कामयाबी हासिल कर ली.




आगरा के ताजमल का बारीकी से किया गया था अध्ययन


इंजीनियर प्रवीण चौकसे बताते हैं कि खुद आनंद चौकसे और उनकी पत्नी मंजूषा चौकसे आगरा के ताजमहल को देखने गए थे. उन्होंने वहां उसका बारीकी से अध्ययन किया और इंजीनियरों को ताजमहल जैसा ही घर बनाने को कहा. इंजीनियर प्रवीण चौकसे ने भी आगरा जाकर ताजमहल देखा उसकी तकनीक और क्षेत्रफल का बारीकी से अवलोकन किया.  प्रवीण चौकसे ने यह भी बताया ताजमहल जैसे घर का क्षेत्रफल मीनार सहित 90X90 का है. बेसिक स्ट्रक्चर 60X60 का है. डोम 29 फीट ऊंचा रखा गया है. ताजमहल जैसे घर में एक बड़ा हॉल, 2 बेडरूम नीचे, 2 बेडरूम ऊपर है. एक किचन, एक लाइब्रेरी और एक मेडिटेशन रूम भी बनाया गया है.




ताजमहल जैसे घर की खूबसूरती बढ़ाने में कई शहरों के कारीगरों ने दिया सहयोग


उन्होंने बताया कि घर के अंदर की नक्काशी के लिए बंगाल और इंदौर के कलाकार से मदद ली गई थी. घर की फ्लोरिंग राजस्थान के मकराना के कारीगरों से कराई गई है. इनले का काम आगरा के उत्कृष्ट कारीगरों से कराया गया. वहीं घर में लगने वाले फर्नीचर का काम सूरत और मुंबई के कारीगरों ने तैयार किया है. इस घर को इंडियन कंस्ट्रक्टिंग अल्ट्राटेक आउट स्टैंडिंग स्ट्रक्चर ऑफ एमपी का अवॉर्ड मिल चुका है.


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