(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: एमपी के इस जिले के डीएम को कहा जाता है ‘बुलडोजर कलेक्टर’, जानिए इसके पीछे का कारण
राजनेताओं में बुलडोजर के क्रेज के बीच उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह को बुलडोजर कलेक्टर कहा जा रहा है. इसका कारण उनका काम है.
Ujjain News: उत्तर प्रदेश से शुरू हुई बुलडोजर की बयार मध्य प्रदेश तक पहुंच गई है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इन दिनों बुलडोजर मामा कहकर जनता के बीच लोकप्रिय किया जा रहा है लेकिन राजनेताओं के बीच एक ऐसे अफसर भी हैं जिन्हें बुलडोजर कलेक्टर के नाम से जाना जा रहा है.
उज्जैन के डीएम को कहा जाता है बुलडोजर कलेक्टर
जी, हां हम बात कर रहे हैं धार्मिक नगरी उज्जैन के डीएम आशीष सिंह की उज्जैन में कलेक्टर के रूप में साल 2020 में मई के महीने में आशीष सिंह को पदस्थ किया गया था. जिलाधीश आशीष सिंह ने अपने 23 माह के कार्यकाल में लगभग 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा की भूमि को माफिया से मुक्त करवा दिया. इस जमीन पर बुलडोजर चलाकर मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड कायम किया है. आजादी के बाद से अभी तक उज्जैन में 50 से ज्यादा कलेक्टरों की पोस्टिंग हुई लेकिन अभी तक इतनी बड़ी संख्या में माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई अभी तक देखने को नहीं मिली.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर माफियाओं के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को उज्जैन में एक बार फिर कहा कि दबंग और पहलवानों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चल जाएगा.
उज्जैन में डीएम आशीष सिंह ने एबीपी न्यूज़ से चर्चा के दौरान बताया कि जिन लोगों के कई सालों से शासकीय जमीन पर कब्जा है, उन्हें कब्जा मुक्त करवा दिया गया है. अभी भी कुछ और सूची बनाई गई है. उज्जैन में लगभग 100 गुंडों के मकानों पर पिछले 2 सालों में बुलडोजर चल चुका है, इतना ही नहीं गैर कानूनी ढंग से चलाई जा रही फैक्ट्री को भी तोड़ने की कार्रवाई उज्जैन में हो चुकी है. यही वजह है कि उज्जैन में जनता के बीच डीएम को बुलडोजर कलेक्टर के रूप में जाना जा रहा है.
सरकार को मिला दोहरा लाभ
उज्जैन में मेडिकल कॉलेज और गरीबों को लिए बनाए जाने वाले मल्टी को लेकर सरकार को लंबे समय से बड़ी शासकीय भूमि की तलाश थी. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के अभियान के बाद अब सरकार को कई शासकीय प्रयोजनों के लिए सरकारी भूमि मिल गई है. इस सरकारी भूमि की कीमत करोड़ों रुपए में है. सरकार अब माफिया से मुक्त कराई गई जमीनों पर मेडिकल कॉलेज और अन्य कई फैक्ट्री तथा शासकीय कार्यालय खोलने की तैयारी कर रही है.
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