Mahakal Temple Ujjain: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहा है. भगवान महाकाल के आंगन में शिव-पार्वती के विवाह की कल्पना रंगोली के जरिए की गई है. यह विशाल रंगोली श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.


उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालु अलग-अलग भावनाएं और मनोकामना लेकर आते हैं. भगवान के आंगन में शीश नवाने के साथ-साथ अपनी कारण कारीगरी के नमूने भी दिखाते हैं. इंदौर से आए 12 सदस्यीय दल ने महाकाल मंदिर परिसर में एक विशाल रंगोली का निर्माण किया. इस विशाल रंगोली के माध्यम से भगवान महाकाल की तस्वीर को उकेरा गया. 


 इसके अलावा शिव-पार्वती विवाह की अद्भुत रंगोली भी देखने को मिली. इंदौर से आई कलाकार श्रद्धा सिंह ने बताया कि रंगोली भारत की प्राचीन परंपरा है. यह धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है. इस परंपरा का आधुनिक समय में भी काफी महत्व है. इसके जरिए उन रंगों को भी दिखाया जा सकता है जो काफी अद्भुत है. महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं इसलिए यहां पर रंगोली के माध्यम से भगवान शिव की आराधना की जा रही है. इन कलाकारों ने रंगोली के माध्यम से अभी तक 70 से ज्यादा अवार्ड भी जीत लिए हैं. 


रंगोली के माध्यम से सजीव चित्रण
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी संजय गुरु के मुताबिक कलाकारों ने अद्भुत और विवाह का सजीव चित्रण किया है. उन्होंने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों में केवल भगवान महाकाल के दरबार में शिव पार्वती विवाह की अद्भुत परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. यहां पर श्रद्धालुओं द्वारा भी अपनी ओर से समर्पण भावना प्रकट करते हुए अलग-अलग जिम्मेदारियां उठाई जाती है. इंदौर के कलाकारों ने निशुल्क रंगोली बनाकर महोत्सव में अपना योगदान दिया है.


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