Indore News: केंद्र सरकार के द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जतन किए जा रहे है. लेकिन इंदौर से 40 किमी दूर गांव में एक महिला ऐसी भी है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पिछले 35 सालो से जी तोड़ मेहनत कर रही और आज नतीजा यह की 50 परिवार इस अभियान से जुड़ चुके है. अब लक्ष्य 500 महिलाओं को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना का है. 


35 साल से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कर रही है काम
दरअसल इंदौर से कुछ दूर एक गांव चोरल की रहने वाली रंजना पाठक महिला हैं. जिसने महिलाओं के उत्थान और शासक्तिकरण की एक अनूठी मिसाल पेस की हे. भारत और प्रदेश सरकार की योजना का क्रियान्वन 35 साल पहले ही कर दिया था इंदौर से सीख कर गांव गई रंजना पाठक ने महिलाओं को काम सिखाना शुरू किया और आज 50 परिवार रंजना से जुड़कर आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं पर अग्रसर है.




यही नहीं महिलाओं की समस्या को देखते हुए उनका स्वस्थ को भी ध्यान में रखा गया और इन समस्या के निजात के लिए संस्था के माध्यम से सेनेटरी पैड भी उपलब्ध करवाए जिससे की महिलाओं का स्वास्थ ठीक रहे और इस अभियान में आसपास के 05 गांव की महिलाओं को और जोड़ा गया रंजना की मेहनत और जुनून ने गांव की महिलाओं को स्वास्थ के प्रति जागरूक कर उन्हे होने वाली महावारी समस्याओं से निजात तो दिलवा दी.


स्टार्टअप शुरू करने की बनाई है योजना
अब महिलाओं के सामने सबसे बड़ी दिक्कत आर्थिक परेशानी थी इसको जिसे लेकर रंजना ने महिलाओं से बात की ओर खुद का स्टार्टअप शुरू करने की योजना बनाई और इसकी शुरुवात छोटी सी फैक्ट्री डालकर दलिया बनाना शुरू किया इससे कुछ रकम पास में आई धीरे अभियान बढ़ता गया आज गांव में त्योहारों को देखते हुए काम किया जाता हैं. होली दिवाली राखी इन सब त्योहारों पर सीजन के हिसाब से चीजे बनाने जाने लगी अब गांव में महिलाओं को इनकम होने लगी जब गांव जाकर देखा तो महिलाए लाइट की झालर बना रही थी झालर बनाने के लिए महिलाओं को पहले ट्रेनिंग दी जाती हैं.


आज गांव की जो महिलाएं स्वास्थ आर्थिक तंगी से गुजर रही थी उसी गांव की महिलाओं ने भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करके दिखा दिया है. वही अब रंजना पाठक चाहती है की जो गांव में महिलाए 100 से 200 रुपए रोज की आमदनी कर रही है ऐसे ही महिला अधिक से अधिक जुड़े आत्मनिर्भर बने और भारत देश को ओर ऊंचाईयों पर लेकर जाए. गौरतलब है जो गांव कभी बदहाली से गुजर रहा था आज वो ही गांव इंदौर सहित प्रदेश के लिए महिलाओं के उत्थान में सबसे आगे हैं. इसके पीछे रंजना की मेहनत और इक्षा शक्ति हैं.


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