MP News: सरकारी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने करते हैं. ड्यूटी से बचने के लिए सबसे आम बहाना बीमारी का होता है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के रीवा जिले के कलेक्टर ने ऐसे बहानेबाज कर्मचारियों से निपटने के लिए एक आदेश जारी कर दिया है. चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अगर किसी ने बीमारी का बहाना बनाया तो उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी.
कर्मचारियों में मचा हड़कंप
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव का ऐलान होते ही रीवा कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज पुष्प के इस आदेश से बीमारी का बहाना बनाकर चुनाव ड्यूटी से बचने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. कलेक्टर मनोज पुष्प के इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बीमारी का बहाना बनाकर चुनावी ड्यूटी से बचने वाले 20 साल की सेवा और 50 साल की उम्र पार कर चुके सरकारी नौकरी वालों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी.
इनको दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति
वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि पंचायत निर्वाचन 2022 के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है. अगर वह निर्वाचन कार्य से अपनी अस्वस्थता के आवेदन मेडिकल बोर्ड और निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करते हैं, तो ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को शासन के नियमों के अनुसार 20 साल की सेवा और 50 साल की आयु के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी.