Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (MP) के उमरिया (Umaria) जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में शुक्रवार को एक बाघ (Tiger) की मौत हो गई. घटना टाइगर रिजर्व के खैतौली कोर परिक्षेत्र के अंतर्गत महामन बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ 239 की है. पार्क के गश्ती दल ने बाघ का शव क्षत-विक्षत अवस्था में देखा और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी. फॉरेंसिक एक्सपर्ट (Forensic Expert) और वन्य जीव चिकित्सकों (Wildlife Practitioners) के साथ प्रबंधन के उच्च अधिकारी मौके पर पंहुचे और घटना के कारणों की जांच शुरू की.
प्रबंधन ने बताया है कि मृत बाघ का शव दो से तीन दिन पुराना है और प्रारंभिक जांच में किसी अन्य बाघ से आपसी लड़ाई में इसकी मौत होने की आशंका लग रही है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जनवरी 2021 के बाद से बाघों की यह 18वीं मौत है जिसे लेकर प्रबंधन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता ने बाघों के संरक्षण पर उठाए सवाल
बाघों के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश में बाघों के संरक्षण में कई दिक्कतें हैं. उन्ंहोंने कहा कि वन विभाग में खाने की कमी और अनियोजित विकास की वजह से फॉरेस्ट कवर कम हो रहा है, इसकी वजह से बाघों का मूवमेंट बाधित हो रहा है, जिससे उनकी असामयिक मौतें हो रही हैं. जंगलों के पास के खेतों में जानवरों से बचाव के लिए जाल बिछाए जाते हैं, जिसमें फंसकर भी बाघ दम तोड़ रहे हैं.
मध्य प्रदेश में हैं इतने टाइगर रिजर्व
प्रदेश में 500 से अधिक बाघ रहते हैं. देश में सबसे अधिक बाघ होने की वजह से मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है. प्रदेश में बांधवगढ़, कान्हा, पेंच, सतपुड़ा, और पन्ना ये पांच टाइगर रिजर्व हैं, जो कि किसी भी अन्य प्रदेश के मुकाबले यहां सबसे अधिक हैं.
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