MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगा JAYS! 80 सीटों पर लड़ सकता है चुनाव
MP News: जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि परिवारवाद और पूंजीवाद बैकग्राउंड वालों को पछाड़कर जयस युवा विधानसभा पहुंचेंगे और अंतिम पंक्ति के लोगों की आवाज बनेंगे.
Bhopal News: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में महज एक साल शेष रह जाने के बावजूद एक आदिवासी संगठन ने अपने बैनर तले यह चुनाव लड़ने की योजना की घोषणा की है और अगली सरकार के गठन में अपनी भूमिका निभाने के लिए कुल 230 में से 80 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) ने बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई है. मध्य प्रदेश की राजनीति में शुरू से ही कांग्रेस और बीजेपी का वर्चस्व रहा है और जयस अभी तक मध्य प्रदेश में एक बड़ी राजनीतिक-सामाजिक ताकत नहीं रही है. फिर भी जयस को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों के साथ-साथ उन सीटों पर भी अपने पक्ष में वोटों को लामबंद कर लेने का भरोसा है जहां आदिवासियों की अच्छी खासी तादाद है.
युवाओं को सदन भेजना चाहता है संगठन
जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और धार जिले के मनावर (एसटी) से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि उनका संगठन जयस युवाओं को मध्य प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में सदस्य (विधायक/सांसद) के रूप में भेजना चाहता है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटों में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति (एससी) वर्ग के लिए और 35 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित हैं.’’ अलावा ने कहा, ‘‘'इन निर्वाचन क्षेत्रों से अधिक से अधिक युवा नेताओं को विधानसभा में भेजने के लिए जयस ने मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों में अपने बैनर तले उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सामान्य वर्ग की 35 सीटों पर आदिवासी मतदाताओं की संख्या 50,000 से एक लाख के बीच है और वे इन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
जयस ने रखा 80 सीटें जीतने का लक्ष्य
अलावा ने कहा कि जयस मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 80 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहा है ताकि वह 'किंगमेकर' की भूमिका निभा पाए और यह तय कर पाए कि अगली सरकार किसकी बनेगी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उनका संगठन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. एमबीबीएस और एमडी की डिग्री प्राप्त आदिवासी नेता ने कहा कि जयस उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन संगठन के बैनर तले. अलावा ने कहा, ‘‘2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी जयस अपना उम्मीदवार उतारेगी क्योंकि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के लिए 6 और अनुसूचित जाति के लिए 4 सीटें आरक्षित हैं.’’
राज्य की कुल 29 लोकसभा सीटों में से 6 (शहडोल, मंडला, रतलाम, खरगोन, बैतूल और धार) अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 4 (भिंड, टीकमगढ़, देवास और उज्जैन) अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. जब अलावा से पूछा गया कि वह 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार या जयस प्रत्याशी के तौर पर लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘जयस फैसला करेगा और जो भी निर्णय लिया जाएगा, मैं उसका पालन करूंगा.’’ अलावा ने कहा कि अगर अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के विधायक एक साथ आते हैं, तो वे राज्य में किसी भी सरकार के गठन में एक बड़ी ताकत बन जाएंगे. मध्य प्रदेश में लगभग 17 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति की है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी 21 प्रतिशत है.
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