MP: शहडोल में अंधविश्वास की भेंट चढ़ी दो बच्चियां, इलाज के नाम पर दागी थी गर्म सलाखें, दाई गिरफ्तार
आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में पुलिस ने दाई को गिरफ्तार किया है. इलाज के नाम पर दो बच्चियां अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई थीं. दोनों की मौत के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है.
MP News: आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में दो मासूम बच्चियों को सलाखों से दागने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. निमोनिया का इलाज के नाम पर दोनों बच्चियां अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई. स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है. पुलिस ने बताया कि शहडोल में दो मासूम बच्चियों को गर्म सलाखों से दागा गया था. बच्चियों की मौत के बाद मामला दर्ज कर रमवतिया चर्मकार पति अन्नू चर्मकार निवासी सामतपुर थाना सिंहपुर को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी महिला दोनों प्रकरणों में संलिप्त थी.
आदिवासी बाहुल्य जिले में जारी है अंधविश्वास का खेल
सिंहपुर ब्लॉक दगना कुप्रथा की वजह से सुर्खियों में है. इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने की परंपरा है. आदिवासी अंधविश्वास के कारण बच्चों को निमोनिया और पेट फूलने जैसी बीमारियों में गर्म सलाखों से दगवाते हैं. पिछले दिनों समातपुर और कठौतिया ग्राम में दो बच्चियों को सांस की तकलीफ के बाद परिजनों ने गर्म सलाखों से कई बार दगवाया. बच्चियों की हालत ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों बच्चियों की मौत हो गई.
2 मासूम बच्चियों की मौत के बाद कार्रवाई का दिखावा
सिंहपुर के कठौतिया की तीन माह की दुधमुंही बच्ची रुचिता कोल को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया था. इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया. सामतपुर निवासी 3 माह की शुभी कोल को पिता सूरज कोल और मां सोनू गोल ने दाई रमवतिया चर्मकार से दगवाया था. जानकारी पाकर बाल कल्याण समिति ने दागने वाली महिला से पूछताछ की. उसने कबूल किया कि परिजनों के कहने पर बच्चियों को दागा गया है. बाल कल्याण समिति ने पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए कहा.
पुलिस ने परिजनों के बयान पर दो अलग-अलग मामले दर्ज किए. सिंहपुर थाने में रामवतिया चर्मकार के खिलाफ ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट 1954 की धारा 7 और आईपीसी की धारा 324 का अपराध कायम कर तफ्तीश की गई. रामवतिया चर्मकार को गिरफ्तार कर लिया गया है. शहडोल मुख्यालय डीएसपी राघवेंद्र द्विवेदी का कहना है कि दोनों बच्चियों की मौत की जांच जारी है. दो बच्चियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामस्नेही पांडेय एवं महिला बाल विकास अधिकारी शालिनी तिवारी ने प्रभावित गांव का भ्रमण किया.
भ्रमण में मैदानी कर्मचारियों के साथ-साथ विकासखंड स्तरीय कर्मचारी-अधिकारियों की गंभीर लापरवाही सामने आई है. दंडात्मक कार्रवाई करते हुये सेक्टर मेडिकल ऑफिसर, खंड विस्तार प्रशिक्षक, एलएचव्ही, खंड कार्यक्रम प्रबंधक, खंड कम्यूनिटी मोबिलाइजर, दो कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर, दो आरबीएसके चिकित्सा अधिकारियों के मुख्यालय परिवर्तन किये गए हैं. खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ वाय के पासवान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. दो आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगी की सेवा समाप्त की गई है.