Ujjain News: प्रदेश और केंद्र सरकार की ढेरों योजनाओं का लाभ तभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंच पाता है, जब अधिकारी अपने कर्तव्यों की पूरी निष्ठा के साथ पूर्ति करें. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने लोगों को आयुष्मान कार्ड का लाभ पहुंचाने के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू कर दी है. इसके तहत लाखों लोगों को आने वाले दिनों में आयुष्मान कार्ड उपलब्ध हो जाएंगे.


'कार्ड बनवाने में लाएं गति'
कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले में आयुष्मान कार्ड बनाने के लक्ष्य को पूर्ण करने के कार्य में गति लाने के निर्देश दिए हैं. जिले में 10 लाख 91 हजार 607 कार्ड बनाने के खिलाफ अब तक 6 लाख 75 हजार 792 कार्ड बने हैं, जो कि लक्ष्य का 61.91 प्रतिशत है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 42304 परिवारों के तथा शहरी क्षेत्र में 32524 परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनना है.


मिलता है फ्री इलाज 
कलेक्टर ने उज्जैन नगरीय क्षेत्र में शेष रहे लोगों को सूचीबद्ध कर फोन पर कार्ड बनवाने की सूचना देने को कहा है. आयुष्मान कार्डधारक परिवार के सदस्यों को पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है. उज्जैन जिले में सात निजी अस्पताल औऱ 12 सरकारी अस्पतालों समेत कुल 19 अस्पताल इस योजना के पात्र लोगों का फ्री इलाज करते हैं.


अब तक 6 लाख 75 हजार 792 कार्ड बने
जिले में आयुष्मान योजना के तहत पात्र लोगों की संख्या 10  लाख 91 हजार है, लेकिन इनमें से 6 लाख 75 हजार 792 लोगों ने ही अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया है. आयुष्मान कार्ड धारक को पांच लाख तक का इलाज सरकारी और चिन्हित किए गए निजी अस्पतालों में दिया जाता है. जिले के कई लोग ऐसे हैं जो इस कार्ड का उपयोग कर गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज फ्री करवा चुके हैं. 


आयुष्मान  “गोल्डन कार्ड” ऐसा कार्ड है जिसको लेकर लोग महाराष्ट्र, गुजरात सहित देश के किसी भी राज्य में जाकर किसी भी चिन्हित निजी अस्पताल में अपनी गंभीर से गंभीर सर्जरी और उपचार करवा सकते हैं. आयुष्मान कार्ड के पात्र व्यक्ति अपना आधार कार्ड व समग्र आईडी लेकर कॉमन सर्विस सेंटर या एमपी ऑनलाइन में जाएगा तो उसकी पात्रता का परीक्षण कर उसे तुरंत कार्ड बनाकर दे दिया जाएगा. इस तरह एक छोटे से काम से वह गंभीर से गंभीर बीमारी के खर्चे से निशुल्क बीमित हो जाएगा.


आयुष्मान योजना में निचले स्तर का तीन प्रकार के हितग्राही परिवार पात्र हैं 


ग्रामीण परिवार



  • जिनके पास केवल 1 कमरे का मकान हो,  जिनकी कच्ची दीवारें और कच्ची छत हों.

  • भूमिहीन गृहस्थ धारक जो विकलांग नैमित्तिक श्रमिक हों.

  • वे परिवार जिनकी मुखिया महिला हो और जिनके घरों में 18-59 वर्ष के पुरुष सदस्य न हों.

  • दिव्यांग और कोई सक्षम शरीर सदस्य घर में न हो. 

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति.

  • स्वचालित सम्मिलित होने वाले ग्रामीण परिवार  

  • आश्रयहीन घर 

  • बेसहारा 

  • आदिम आदिवासी समूह कानूनी रूप से छुड़वाए हुए वृद्ध मजदूर 


 


शहरी क्षेत्र में पात्र परिवार 



  • कचरा बीनने वाले 

  • भिखारी 

  • घेरलू कामगार 

  • सड़क विक्रेता  / फेरीवाला 

  • निर्माण श्रमिक / नलसाज / मकान बनाने वाला / रंगसाज / वेल्डर / सुरक्षाकर्मी 

  • कुली  एवं सिर पर भार ढोने वाला

  • सफाई कर्मचारी /  माली

  • घरेलू कार्य करने वाले शिल्पकार , हस्तकलाकार दर्जी

  • परिवहन कामगार वाहन चालक कंडक्टर ठेला गाड़ी ढोने वाले रिक्शा खींचने वाले

  • दुकान कार्यकर्ता वितरण सहायक बैरा

  • विद्युत कारीगर मिस्त्री मरम्मत कर्मी

  • धोबी

  • खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक 

  • असंगठित  क्षेत्र के मजदूर परिवार


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