Madhya Prdaesh News: नर्मदा परिक्रमा पर निकले स्वामी राम शंकर उर्फ डिजिटल बाबा ने एक ट्वीट कर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ओंकारेश्वर मंदिर के रखरखाव ठीक करने की शिकायत की है. डिजिटल बाबा ने अपने ट्वीट में लिखा कि शिवराज आपसे प्रर्थना है कि ओंकारेश्वर भगवन के मंदिर का रखाव ठीक करने का समुचित प्रबंध करने की कृपा करें.  हमें विश्वास है आप के सोशल मीडिया के सिपाही आपके संज्ञान में इस विषय को अवश्य लायेंगे. 


डिजिटल बाबा से मशहूर
बता दें डिजिटल बाबा के नाम से पूरे देश में जाने जाने वाले स्वामी राम शंकर इन दिनों मां नर्मदा की परिक्रमा पर निकले हुए हैं.  उन्होंने अपनी यात्रा कि शुरुआत मध्य प्रदेश के खंडवा में स्थित तीर्थ स्थल ओम्कारेश्वर से की है. इसी बीच ओम्कारेश्वर मंदिर में अव्यवस्थाओं से आहत होकर उन्होंने यह ट्वीट किया है. सोशल मीडिया से  डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर संन्यासी स्वामी राम शंकर इन दिनों मां नर्मदा की परिक्रमा पर निकले है. उन्होंने 4 नवम्बर एकादशी के दिन से ओंकारेश्वर के गोमुख घाट पर पूजा-पाठ के साथ नर्मदा परिक्रमा की शुरू की.






कर रहें नर्मदा की परिक्रमा
डिजिटल बाबा ने पहले दिन 15 किलोमीटर की यात्रा की और रात्रि विश्राम खेड़ी घाट मोटक्का स्थित श्रीओम आश्रम में किया. डिजिटल बाबा ने परिक्रमा शुरू करने से पहले भगवान ओंकार के ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए. वहां साफ सफाई और अव्यवस्थाओं का एक वीडिओ बना कर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को टैग कर किया. वहीं किसी संत के द्वारा इस तरह से शिकायत का यह पहला मामला है. बता दें कि ओंकारेश्वर मंदिर में रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करते हैं. 


कौन है डिजिटल बाबा
सनातन धर्म, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति के विषय को लेकर लगातार सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को जागरूक करने वाले स्वामी राम शंकर को डिजिटल बाबा इस लिए कहा जाता है. क्योंकि यह सोशल मीडिया या इंटरनेट के माध्यम से देश दुनियां के लोगों को सनातन धर्म, अध्यात्म और भारतीय संस्कृति के बारे में सवांद स्थापित कर जागरूक करते रहते है. सोशल मीडिया पर इनके काफी फॉलोवर्स भी हैं. डिजिटल बाबा का उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित खजुरी भट्ट गांव में 1 नवम्बर 1987 को जन्म हुआ ता. विद्यार्थी जीवन में डिजिटल बाबा का नाम रामप्रकाश भट्ट था.


गोरखपुर से की है पढ़ाई
डिजीटल बाबा ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम अन्तिम वर्ष की पढ़ाई करने के दौरान ही घर-परिवार, संसार को छोड़कर आध्यात्मिक दुनियां में कदम रख दिया. वर्ष 2008 में 11 नवंबर को अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त कर वैरागी परम्परा के भक्ति मार्ग में अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय ले लिया. स्वामी राम शंकर की हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बैजनाथ धाम में एक कुटिया है.


इसमें एक अतिथि कक्ष, एक खुद के निवास हेतु कक्ष और एक पाठशाला कक्ष है. स्वामी राम शंकर कहते हैं जो सचमुच हिमालय में रह कर साधना करना चाहे ऐसे साधक जन कुटियां में 7 दिन रह सकते हैं. रहने के दौरान बर्तन माजने से भोजन पकाने तक के सारे कार्य में अतिथि साधक को अनिवार्य रूप से अपना योगदान देना होता है. यहां रहना हर तरह से निःशुल्क है.



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