City of Mahakal: कहां जाता है भैरव मंदिर में चढाया गया शराब? जानें- क्या है श्रद्धालुओं की मान्यता?
Ujjain News: मध्य प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के लिहाज से काफी पसंद किया जाता है. उज्जैन के बारे में कहा जाता है कि यहां मंदिरों की संख्या इतनी है कि चढ़ाने पर एक कुंटल चावल के दाने भी कम पड़ जाएं.
Religious Places in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (MP) की हृदय स्थली और भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) एक ऐसा शहर है, जहां के लिए कहा जाता है कि एक क्विंटल चावल (Rice) लेकर निकलिए, एक-एक मंदिर (Ujjain Temples) पर एक-एक दाना चढ़ाइए तो भी वे कम पड़ जाएंगे, लेकिन मंदिरों (Mandir) की संख्या कम नहीं होगी. न्याय प्रिय सम्राट विक्रमादित्य (Emperor Vikramaditya) की नगरी उज्जैन में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिनका पता लगने पर सैलानी (Tourists) खिंचे चले आते हैं.
महाकालेश्वर मंदिर: प्रसिद्ध दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए देश ही नहीं, विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. यहां की विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती शिव भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहती है. शहर के बीचों बीच स्थित महाकालेश्वर मंदिर धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र है. वर्तमान में मंदिर का विस्तारीकरण भी हो चुका है और इसका क्षेत्रफल पहले से 10 गुना ज्यादा बड़ा हो गया है.
काल भैरव: भगवान महाकाल के सेनापति के रूप में पूजे जाने वाले काल भैरव का अपना अलग महत्व है. यह अभी भी पता नहीं चल पाया है कि काल भैरव मंदिर में चढ़ने वाली मदिरा कहां जाती है. ऐसी मान्यता है कि भगवान महाकाल के दर्शन तब तक अधूरे रहते हैं जब तक सेनापति काल भैरव के दर्शन नहीं हो जाते हैं. यही वजह है कि देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ-साथ काल भैरव को भी पूजना नहीं छोड़ते हैं. उज्जैन में काल भैरव मंदिर केंद्रीय जेल भेरूगढ़ के समीप स्थित है. यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य के अनुपम दृश्य देखे जा सकते हैं.
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रामघाट: शिप्रा नदी के तट स्थित रामघाट भी करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. माना जाता है कि उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी का महत्व गंगा नदी से कम नहीं है. इस घाट पर तर्पण और मोक्ष की प्राप्ति के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन उज्जैन आते हैं. कहा जाता है कि इसी रामघाट पर भगवान श्रीराम ने अपने पिता दशरथ का तर्पण किया था. राम घाट पर प्रतिदिन होने वाली शिप्रा आरती भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होती है.
चिंतामणि गणेश मंदिर: उज्जैन से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित भगवान श्री गणपति का धाम चिंतामणि गणेश मंदिर भी अपनी प्राचीन मान्यताओं और परंपराओं के साथ-साथ प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है. यहां पर भगवान गणेश के 3 रूपों के दर्शन होते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान गणेश मंदिर की स्थापना की थी. शहर से दूर होने के बावजूद यहां पर पर्यटक और भक्तों का तांता लगा रहता है.
जंतर-मंतर वेधशाला: उज्जैन शहर से लगी जंतर-मंतर वेधशाला देशभर की प्रमुख वेधशालाओं में शामिल है. काल गणना के केंद्र माने जाने वाले उज्जैन की वेधशाला खगोल शास्त्रियों के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रही है. यहां पर पर्यटकों के साथ-साथ विद्यार्थी भी अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए आते हैं.
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