MP News: उज्जैन के मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने कार्य योजना बनाना शुरू कर दी है. इसे लेकर भोपाल से तीन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को उज्जैन भेजा जा चुका है. इसके अलावा तीन अलग-अलग योजनाओं के जरिए शिप्रा नदी को शुद्ध करने की कार्य योजना बनाना शुरू कर दी गई है.


संतों ने दिया था धरना
दरअसल उज्जैन में साधु संतों ने शिप्रा नदी के शुद्धीकरण को लेकर दत्त अखाड़ा घाट पर लगातार तीन दिनों तक धरना दिया था. इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और कलेक्टर आशीष सिंह ने शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर कार्य योजना तैयार करने की बात कही थी. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से साधु संतों को मिलवाने का वादा भी किया गया था, जिसके बाद साधु-संतों ने अपना धरना प्रदर्शन बंद किया. 


सीएम शिवराज के सामने पेश होगी रिपोर्ट 
मध्य प्रदेश सरकार ने साधु-संतों की मांग पर अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. जल संसाधन नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त स्तर के अधिकारियों को उज्जैन भेजा गया. इनमें आईएएस अधिकारी मनीष सिंह, एस के मिश्रा शामिल है. उन्होंने उज्जैन संभाग आयुक्त संदीप यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता और इंदौर के अधिकारियों के साथ कार्य योजना तैयार की है. इस कार्य योजना को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पेश किया जाएगा. इसके बाद धरातल पर योजना को उतारा जाएगा.


इन बिंदुओं पर हुआ मंथन
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि तीन महत्वपूर्ण कार्य योजना तैयार की गई है. सबसे पहले इंदौर से आने वाले कान्ह नदी के जल को किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाना उचित होगा. इसके अलावा कान्ह नदी को डायवर्ट करने की योजना पर मंथन किया गया. इसके अलावा एक स्थाई डैम बनाने और ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की गाड़ी योजना भी तैयार की गई है. 


मुख्यमंत्री की हरी झंडी का इंतजार
भोपाल से आए अधिकारी एक रिपोर्ट तैयार कर दोबारा राजधानी के लिए रवाना हो गए हैं. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपी जाएगी. सीएम शिवराज द्वारा तीनों कार्य योजनाओं को देखने के बाद शिप्रा नदी शुद्धिकरण को लेकर हरी झंडी दी जाएगी. इसके बाद सालों से उठ रही शुद्धिकरण की मांग का स्थाई हल निकल पाएगा. 


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