Madhya pradesh News: मानव सेवा अनमोल है जिसका कोई मोल नहीं होता है, इन्हीं शब्दों को कुछ लोगों ने चरितार्थ किया है. दरअसल, इंदौर के कुछ लोगों द्वारा एक मृत वानर (बंदर) का हिंदू रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया. साथ ही वानर के 11 दिन बाद होने वाली प्रक्रिया भी की जाएगी, जिसमें गौशाला में गायों को चारा खिलाया जाएगा. दरअसल, सनातन धर्म में बंदर को बजरंगबली का रूप माना गया है और इसी के चलते रहवासियों ने अपनी आस्था को प्रदर्शित करते हुए विधि विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया.
यह मामला इंदौर के गांधीनगर का है जहां शुक्रवार को एक अज्ञात वाहन ने बंदर को अपनी चपेट में ले लिया था जिसमें बंदर की मौके पर ही मौत हो गई थी. यह देख वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने बंदर के शव को उठाकर एक साइड में रख दिया. सूचना मिलने के बाद क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बंदर के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया. सामाजिक कार्यकर्ता जयश्री बिलवारे ने बताया कि मृत बंदर का बकायदा हिंदू धर्म के रीति रिवाज के तहत क्षेत्रीय रहवासियों ने मिलकर अंतिम संस्कार किया. उन्होंने 330 फीट गड्ढा खोदकर पहले उसमें नमक डाला फिर बंदर के शव को दफनाया.
पेश की अनूठी मिसाल
इसके बाद के भी जो कार्यक्रम होते हैं वह नियमानुसार किया जाएगा. साथ ही लोगों से अपील भी की कि इस तरह से जानवरों के लिए सभी लोग आगे आए ताकि उनका विधि विधान से अंतिम संस्कार किया जा सके. आपको बता दें पिछले कोरोना महामारी के समय में एक ओर जहां मनुष्य-मनुष्य को छूने से डरता था और अपने परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार तो दूर उन्हें छूने में परहेज करते देखा गया. वहीं ऐसे समय में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा एक बंदर का विधि विधान से अंतिम संस्कार कर एक अनूठी मिसाल पेश की गई है.
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