MP News: मध्य प्रदेश में विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अब ऑफलाइन ही होंगी. हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार ने जवाब पेश कर दिया है. सरकार ने कहा कि हमारे पास ऑनलाइन एग्जाम कराने के पर्याप्त साधन नहीं हैं और शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए ज्यादातर कुलपति भी ऑफलाइन एग्जाम के पक्ष में हैं. सरकार के जवाब से संतुष्ट होते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का निराकरण कर दिया. इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से 24 घंटे में जवाब मांगा था.
विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में होंगी
सरकार ने जवाब में बताया कि मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं ऑफलाइन ही आयोजित कराई जाएंगी. परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालयों में कोविड गाइडलाइंस का पालन कराया जाएगा. अगर कोई छात्र संदिग्ध है या कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे 15 दिनों के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा और उसके बाद ही परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विश्वविद्यालय हर तरह के इंतजाम करेंगे. सरकार का पक्ष सुनने के बाद चीफ जस्टिस रवि मालिमठ और जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की बेंच ने याचिका का निराकरण कर दिया. इससे पहले लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने तर्क दिया कि मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में अगर ऑफलाइन एग्जाम होते हैं तो छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ होगा.
सरकार की असमर्थता से हाईकोर्ट ने जताया संतोष
मामले पर सुनवाई के दौरान दलील दी गई थी कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पहले ऑफलाइन परीक्षाएं होनी थीं, लेकिन जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हुई परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं. तर्क दिया गया कि जब इंजीनियरिंग, एमसीए, एमबीए जैसे विषयों में ऑनलाइन परीक्षाएं हो सकती हैं तो सामान्य विषयों की परीक्षाएं क्यों नहीं. सरकार की ओर से दलील दी गई कि इतने बड़े स्तर पर ऑनलाइन परीक्षाएं कराने के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट के सामने तर्क रखा गया कि पिछले दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से चर्चा की थी. शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के बेहतर भविष्य को देखते हुए ऑफलाइन परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया गया. प्रदेश के कुल 22 सरकारी विश्वविद्यालयों में से तीन में ऑफलाइन परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. जबलपुर की रादुविवि, उज्जैन की विक्रम विवि और ग्वालियर के जीवाजी विवि प्रदेश के बड़े विश्वविद्यालय हैं. इन तीन विवि से करीब 700 महाविद्यालय संबद्ध हैं. रादुविवि में 27 जनवरी से परीक्षाएं शुरू होनी हैं.
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