MP Electricity News: मध्यप्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने का मामला हाईकोर्ट (High Court) की दहलीज पर पहुंच गया है. जबलपुर के एनजीओ की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और तीनों बिजली कंपनियों सहित एमपी विद्युत नियामक आयोग (MPERC) को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.


नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देशों का उल्लंघन बताया है. याचिका पर सोमवार को चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की डिविजन बेंच ने सुनवाई की. आपको बता दें कि दिसंबर माह में बिजली कंपनियों ने बिजली दरों को बढ़ाने के लिए टैरिफ याचिका पेश की थी. एमपी विद्युत नियामक आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर जनसुनवाई की डेट तय कर दी.


बिजली के दाम बढ़ाने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट


याचिका में कहा गया है कि विद्युत नियामक आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया. नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील पेश की. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 नवंबर को एक आदेश पारित कर सभी राज्यों के नियामक आयोग को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए थे.


आदेश में कहा गया था कि 3 माह के भीतर विद्युत अधिनियम की धारा 61 के साथ राष्ट्रीय बिजली नीति और राष्ट्रीय ट्रांसमिशन नीति को ध्यान में रखते हुए विद्युत दरों का निर्धारण करने के लिए नया रेगुलेशन बनाया जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिना मापदंड बनाए बिजली की दर निर्धारित करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया और बिजली कंपनियों की पेश याचिका को स्वीकार कर लिया.


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का बताया गया उल्लंघन


याचिका के माध्यम से नागरिक उपभोक्ता मंच ने अदालत को बताया कि नियामक आयोग का कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना है और फिलहाल पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाते नया रेगुलेशन बनाया जाए. बता दें कि एफसीए चार्ज के नाम पर एक जनवरी को बिजली का दाम 14 पैसे प्रति यूनिट बढा दिया गया है. पूर्व में लगनेवाले 20 पैसे एफसीए  को अब बढ़कर 34 पैसे कर दिया गया है.


मध्य प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने सालाना टैरिफ बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग में याचिका लगाई थी. बिजली दर में 3.20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव है. याचिका पर जनसुनवाई की डेट तय कर दी गई. पूर्व विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर में 23 जनवरी, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी ग्वालियर में 24 जनवरी और मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में 25 जनवरी को जनसुनवाई होगी. 


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