MP News: बेरोजगारी की मार झेल रहे एमपी के युवाओं का आक्रोश सोमवार को फूट पड़ा. नाराज बेरोजगार युवकों ने मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के बंगले के सामने प्रदर्शन कर आक्रोश जताया. दरअसल है कि उच्च और माध्यमिक शिक्षक भर्ती पिछले चार वर्ष से बड़े ही धीमी गति से चल रही है. उसमें भी चयन सूची में बार-बार नामों की पुनरावृत्ति देखी जा रही है. परेशान अभ्यर्थियों द्वारा पिछले छह माह में कई बार ज्ञापन पत्र सौंपे गए. साथ ही साथ धरना प्रदर्शन भी किए गए. कई बार जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को पत्र भी लिखे गए और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक निराकरण समिति गठित की गई.


पीड़ित अभ्यार्थी उस निराकरण समिति के समक्ष अपना पक्ष भी रख चुके हैं, उसके बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई. जिस कारण पात्र अभ्यर्थियों ने आक्रोश जताते हुए पुन: विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी करते हुए चयन सूची में नामों की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने के साथ-साथ रिक्त पदों में वृद्धि की मांग की. प्रदर्शन करने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पत्र भी सौंपा गया.


अभ्यार्थियों की यह मांगे


ज्ञापन के माध्यम से अभ्यार्थियों द्वारा मांग की गई कि चयन सूचियों में नामों की पुनरावृत्ति ना हो अथवा जो अभ्यार्थी दोनों विभागों में से किसी भी एक विभाग में एक बार नियुक्ति ले चुका है, उस सदस्य को दूसरी सूची में सम्मिलित ना किया जाए. साथ ही मांग की गई कि स्कूल शिक्षा विभाग के प्रथम चरण के शेष पदों पर शीघ्र अति शीघ्र द्वितीय चयन सूची जारी की जाए. शिक्षक भर्ती के प्रथम चरण के उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में वृद्धि की जाए.


पात्र अभ्यार्थी रंजीत गौर रक्षा जैन अंशुलिका रविशंकर प्यासी, गोविंद राठौर, अशोक जाट, गोविंद जाट, कन्हैया, अविनाश, मनोज कुमार, लीलेंद्र मेहरा, गजराज सिंह, रमेश कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2018 में स्कूल शिक्षा और जनजाति विभाग से एक ही अभ्यर्थी का नाम बार-बार चयन सूची में सम्मिलित किया जा रहा है. जिससे अन्य पात्र अभ्यर्थियों का नुकसान हो रहा है. उन्होंने मांग की है कि एक अभ्यर्थी का नाम एक ही सूची में सम्मिलित किया जाए.


शिक्षक नियोजन प्रक्रिया 2018 के नियम 8 और उपनियम 8.3 के अनुसार एक अभ्यार्थी का नाम एक ही नियोक्ता सूची में सम्मिलित करने का प्रावधान है. उसके बावजूद भी शिक्षक भर्ती के द्वितीय चरण में दोनों विभागों से जो संयुक्त काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की गई, उसमें जनजातीय विभाग में पहले से नियुक्ति ले चुके चयनित शिक्षकों को पुन: सम्मिलित किया जा रहा है. जिसका शेष पात्र अभ्यर्थियों ने विरोध जताते हुए मांग की है कि नामों की पुनरावृत्ति ना की जाए. जो अभ्यर्थी एक बार नियुक्ति ले चुके हैं तब उनका नाम अगली चयन सूची में शामिल ना किया जाए.


पदों को सीधी भर्ती से भरा जाए
 
कृषि विषय के अभ्यर्थियों ने कहा कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में किसी भी प्रकार की पदोन्नति नहीं होती है इसलिए समस्त रिक्त पदों को सीधी भर्ती से ही भरा जाए. वहीं संस्कृत विषय के अभ्यर्थियों ने कहा कि द्वितीय चरण की जो काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हुई है उस सूची में संस्कृत विषय से किसी भी अभ्यर्थी का नया नाम नहीं आया है, सभी नामों की पुनरावृत्ति की गई है, अत: सूची में संशोधन किया जाए. अगर सूची में नाम सम्मिलित भी किया जाता है तब अन्य अभ्यर्थियों की दोगुनी संख्या में अलग से अतिरिक्त सूची भी जारी किए जाएं.


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