MP Nagar Nigam Election: मध्य प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं जिनकी सुध जनप्रतिनिधि उस समय लेते हैं जब चुनाव आते हैं. यही वजह है कि कई बार चुनाव बहिष्कार के मामले भी सामने आते हैं. इस बार भी उज्जैन जिले के मालखेड़ा गांव के लोगों ने मतदान का सामूहिक बहिष्कार किया है. यहां मतदान केंद्र के बाहर सन्नाटा पसरा रहा. ग्रामीण मतदान करने को तैयार नहीं हुए.
गांव में 485 वोट, एक भी नहीं पड़ा
उज्जैन जिले के तराना तहसील के ग्राम पंचायत काठ बड़ौदा के गांव मालखेड़ा में आज सुबह से ही मतदान केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहा. मतदान दल वोटिंग करने वालों की तलाश करते रहे. मालखेड़ा के रहने वाले फतेह सिंह और विक्रम सिंह ने बताया कि आजादी के बाद से ही गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. यहां पर सड़क, पेयजल आदि की समस्या है. गांव में पहले भी कई बार समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है. हर बार चुनाव के दौरान समस्या दूर करने का आश्वासन दिया जाता है, मगर समस्या आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है. इस बार ग्रामीण ने आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. गांव के ही गणेश पटेल ने बताया कि ग्राम पंचायत काठ बड़ौदा के अंतर्गत उनका गांव मालखेड़ा आता है. उनके गांव में 485 वोट हैं. सभी वोट शासकीय विद्यालय मालखेड़ा के पोलिंग बूथ पर पड़ने थे, लेकिन ग्रामीण समस्या दूर नहीं होने की वजह से मतदान करने को तैयार नहीं हैं.
सरकारी कर्मचारियों ने भी नहीं दिए वोट
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में 4 सरकारी कर्मचारी हैं. वे भी मतदान करने को तैयार नहीं हैं. वे भी गांव की समस्याओं को लेकर परेशान हैं. गांव के चौकीदार छेदीलाल ने बताया कि उन्होंने भी मतदान नहीं किया है. अधिकारियों की ओर से सरकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है. यह तक बात सामने आ रही है कि सरकारी कर्मचारियों को मतदान नहीं करने पर सस्पेंड करने की चेतावनी दी गई है. इस अल्टीमेटम के बाद भी दोपहर तक मतदान नहीं हो पाया था.
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