MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश के फर्जी नर्सिंग घोटाला मामले में गिरफ्तार आरोपियों की बुधवार को रिमांड अवधि खत्म हुई, जिसके बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने नौ आरोपियों को जेल भेज दिया. जबकि चार आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाकर एक जून तक कर दी गई. इधर आरोपियों की जमानत के लिए वकील ने जमानत याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. वहीं कांग्रेस नेता रवि परमार भी जमानत याचिका पर शुक्रवार को आपत्ति दर्ज कराएंगे.
बता दें मध्य प्रदेश में नर्सिंग फर्जीवाड़े में सीबीआई ने रिमांड होने के बाद नौ आरोपियों को मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने नौ आरोपियों को जेल भेज दिया, जबकि चार आरोपी राहुल राज, ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर शर्मा को एक एक जून तक सीबीआई रिमांड पर भेजा है. इधर आरोपी प्रिति तिलकवार, सचिन जैन ने जमानत आवेदन पेश किया है. इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
क्या है पूरा मामला?
इधर सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता रवि परमार ने भी आपत्ति दर्ज कराई जाएगी. रवि परमार के अनुसार वो अपने वकील आशीष निगम के साथ शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में अपनी आपत्ति प्रस्तुत करेंगे. बता दें नर्सिंग कॉलेज घोटाले की पोल साल 2022 से खुलती गई. जनवरी 2022 में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता फर्जीवाड़े पर जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर हुई थी. मार्च 2022 में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार और कॉलेज को नोटिस दिया.
वहीं जून 2022 सरकार की रिपोर्ट से पता चला कि भवनविहीन कॉलेजों को भी मान्यता दी गई. जबकि अगस्त 2022 में गड़बड़ी होने पर नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीला सिंजू को सस्पेंड कर प्रशासक की तैनात के आदेश दिए गए. सितंबर 2022 ग्वालियर खंडपीठ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. इसके बाद जुलाई 2023 सभी याचिकाएं हाई कोर्ट जबलपुर स्थानांतरित की गई. फरवरी 2024 सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट में 169 कॉलेज सूटेबल, 66 अनसूटेबल, 74 डेफिसिएंट बताए गए.
वहीं 15 अप्रैल 2024 छात्र नेता रवि परमार ने सीबीआई को सूटेबल कॉलेजों की शिकायत की. 19 मई 2024 सीबीआई दिल्ली की टीम ने जांच अफसर और कॉलेजों को पकड़ा. इसके बाद इस मामले में 23 आरोपी बनाए गए, जबकि 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें 29 मई को सभी की रिमांड खत्म हुई, जिसके बाद नौ आरोपियों को जेल भेज दिया गया, जबकि चार को फिर से रिमांड पर भेजा गया.
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