MP Nursing Fraud Case: नर्सिंग फर्जीवाड़े पर आई CBI की रिपोर्ट... 65 कॉलेज अयोग्य, हाई कोर्ट ने कहा- 'नहीं बरती जाएगी नरमी'
MP news: मध्य प्रदेश में कुल 364 नर्सिंग कॉलेज में गड़बड़ी की शिकायत थी. इनमें से 308 कॉलेज की जांच सीबीआई द्वारा की गई. जांच में 169 नर्सिंग कॉलेज को क्लीन चिट मिल गई, जबकि 65 कॉलेज अयोग्य पाए गए.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में सीबीआई (CBI) ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि प्रदेश के 65 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य है. इसके अलावा 74 नर्सिंग कॉलेज मानकों को पूरा नहीं करते हैं. राज्य के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है. सीबीआई की सीलबंद रिपोर्ट सोमवार (12 फरवरी) को हाई कोर्ट में खोली गई. इस जांच में 169 नर्सिंग कॉलेज सभी मापदंडों पर पात्र पाए गए हैं.
बता दें मध्य प्रदेश में कुल 364 नर्सिंग कॉलेज में गड़बड़ी की शिकायत थी. इनमें से 308 कॉलेज की जांच सीबीआई द्वारा की गई. 56 नर्सिंग कॉलेज की जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट की रोक लगी हुई है. सीबीआई जांच में 169 नर्सिंग कॉलेज को क्लीन चिट मिल गई, जबकि 65 कॉलेज में कई सारी अनियमितता मिली है. 74 ऐसे नर्सिंग कॉलेज हैं, जिनमें कम अनियमितता पाई गई. लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका सहित अन्य तमाम याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने विस्तृत आदेश जारी किया है.
गठित होगी कमेटी
जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की खंडपीठ ने अयोग्य कॉलेजों उनमें अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सीबीआई जांच में पाए गए 169 नर्सिंग कॉलेजों के आगे के संचालन और उनके छात्रों की परीक्षा के रास्ते खोल दिए हैं. इसी तरह जिन 74 नर्सिंग कॉलेजों में सीबीआई की रिपोर्ट में कमियां पाई गई हैं, उनका अध्ययन रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली कमेटी गठित करेगी. यह कमेटी कॉलेजों में पाई गई कमियों का अध्ययन करने के संबंध में अपनी अनुशंसा हाई कोर्ट को प्रस्तुत करेगी.
'कोई भी नरमी नहीं बरती जानी चाहिए'
क्या उन कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को अन्यत्र किन कॉलेजों में स्थानांतरित किया जा सकता है? इस संबंध में भी कमेटी अपनी अनुशंसा हाई कोर्ट को सौंपेगी. जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की खंडपीठ ने अपने आदेश में सख्त लहजे में कहा है कि जांच में अयोग्य पाए गए 65 कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों और संस्थाओं के साथ कोई भी नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. इन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दिलाने में जिन अधिकारियों और निरीक्षण टीमों द्वारा गड़बड़ी की गई है, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बाकी बचे नर्सिंग कॉलेजों की भी होगी जांच
हाई कोर्ट ने सीबीआई को प्रदेश भर में बाकी बचे हुए नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश भी दिए. दरअसल याचिकाकर्ता द्वारा आवेदन पेश कर कोर्ट को बताया गया था कि कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान भी अपात्र नर्सिंग कालेजों को लगातार मान्यता दी गई है. ऐसी समस्त संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी निरीक्षण रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी हाई कोर्ट ने कार्रवाई करने के आदेश सरकार को दिए हैं.