मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण से जुड़ी अब आई है ये बड़ी खबर
MP Panchayat elections: सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने के खिलाफ दायर राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टल गई है.
MP Panchayat elections: सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई फिलहाल टल गई है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले को 17 जनवरी को सुनेगा. सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2021 के आदेश के संबंध में दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सीरियल क्रमांक 73 पर जस्टिस अभय खानविलकर की खंडपीठ में नियत थी. उक्त समस्त प्रकरणों की सुनवाई वर्चुअल की गई और सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए आगामी सुनवाई के लिए 17 जनवरी 2022 की तिथि तय की है.
वर्चुअल हुई थी सुनवाई
मध्य प्रदेश शासन की ओर से वर्चुअल सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे एवं केंद्र सरकार की तरफ से तुषार मेहता उपस्थित हुए. ओबीसी संगठनों की ओर से एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर, वरूण चौपड़ा, सिद्धान्त गुप्ता, संतोष पॉल पक्ष रख रहे हैं. केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर इस मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है. केंद्र सरकार ने पंचायत चुनाव के संबंध में 17 दिसंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि जमीनी स्तर के शासन में निर्वाचित निकायों में किसी भी वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किए बिना चुनाव कराना संविधान के जनादेश के विपरीत है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि वैकल्पिक रूप से 4 महीने के लिए चुनाव टाला जा सकता है और 3 महीने के भीतर आयोग से रिपोर्ट मांग सकता है.
कांग्रेस और बीजेपी ने एक दूसरे पर लगाये थे आरोप
गौरतलब है कि 17 दिसंबर के आदेश में जब सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को शून्य करते हुए इस वर्ग के लिए रिज़र्व सीटें सामान्य करके चुनाव कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई, उन्होंने एक-दूसरे पर ओबीसी वर्ग को नुकसान पहुंचाने के आरोप जमकर लगाए लेकिन बाद में दोनों ने सहमति बनाकर चुनाव स्थगित करवा दिया.
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