Madhya Pradesh Panchayat Chunav 2022: मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार खुद नहीं चाहती कि चुनाव हो. सरकार ने आधी अधूरी तैयारी और असंवैधानिक तरीके से चुनाव घोषित कर दिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुखर नेता और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने दावा किया कि सरकार के फैसले को न्यायालय में कई याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई है. भनोत ने राजनीतिक रस्साकशी में फंसे राज्य के दो प्रमुख मुद्दे पंचायत चुनाव और ओबीसी आरक्षण पर एबीपी न्यूज़ से बात की.
शिवराज सरकार की नीयत और नीति दोनों में खोट- कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस भी चाहती है कि पंचायत चुनाव हो लेकिन इसे लेकर शिवराज सरकार की नीति और नीयत दोनों में खोट है. 2014 के आरक्षण प्रावधानों के मुताबिक चुनाव करवाना असंवैधानिक है. परिसीमन के मामले में भी नियमों की अनदेखी की जा रही है. वोटर लिस्ट भी अपडेट नहीं है. विधायक तरुण भनोत ने आरोप लगाया कि सरकार खुद चाहती है कि पंचायत चुनाव कानूनी दांव पेंच में उलझ कर टल जाएं क्योंकि बीजेपी को हार का भय भी सता रहा है. उन्होंने दावा किया कि जनमत बीजेपी के साथ नहीं है और जनता नकार देगी.
पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि राज्य सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से 2020 में किये गए परिसीमन और आरक्षण को रद्द कर दिया जबकि जल्द ही विधानसभा का सत्र होनेवाला था, उसमें इसे लाकर चर्चा की जा सकती थी. विधानसभा में चर्चा के बाद उपयुक्त निर्णय लिया जाता तो बेहतर होता. मध्यप्रदेश की सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में प्रवेश में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का मुद्दा भी इन दिनों गर्म है. कांग्रेस नेता तरुण भनोत ने कहा कि इस मामले में भी बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है.
OBC आरक्षण की सीमा बढ़ाना नहीं चाहती बीजेपी सरकार
राज्य में बीजेपी के तीन ओबीसी वर्ग के मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्होंने कभी इसके कल्याण का नहीं सोचा. जब कांग्रेस सरकार में कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तो ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने का फैसला किया गया लेकिन तब बीजेपी ने हम पर आरोप लगाया. अब जब ओबीसी आरक्षण के मामले में कोर्ट में याचिकाएं लगती हैं तो राज्य के महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखने मौजूद तक नहीं रहते हैं. हाईकोर्ट में लगातार 5 सुनवाई में महाधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए. भनोत के मुताबिक बीजेपी सरकार ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाना ही नहीं चाहती है.