Bageshwar Dham Sarkar: मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) है. इसके पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को जनता बागेश्वर वाले बाबा, बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar), बागेश्वर महाराज, जैसे नाम से जानती है. इनके बारे में दावा है कि ये लोगों की मन की बात बिना कुछ कहे जान जाते हैं. ये इन दिनों विवादों में घिरे हुए हैं. बागेश्वर महाराज पर अंध विश्वास फैलाने के आरोप लगे हैं. वहीं बागेश्वर धाम की पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बचपन के मुस्लिम मित्र डॉक्टर शेख मुबारक बताते हैं कि उनकी दोस्ती काफी समय पहले हो गई थी. हालांकि, शेख मुबारक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से उम्र में थोड़े बड़े हैं जो धीरेंद्र शास्त्री को बचपन में धीरू के नाम से बुलाते थे.


शेख मुबारक ने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री की बचपन में आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. इसके चलते डॉ शेख मुबारक ने उनकी बहन की शादी के लिए 20 हजार रुपये की मदद भी की थी. इतना ही नहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और शेख मुबारक पन्ना में हीरा खोजने के लिए भी गए थे. मगर आर्थिक तंगी के चलते उन्हें जल्द वापस आना पड़ा. इसके बाद धीरे-धीरे शास्त्री 41 दिनों के लिए जंगलों में जप तप के लिए चले गए, जहां से लौटकर आकर वह धर्म की ओर मुड़ गए. शेख मुबारक बताते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री ने कुरान का भी अध्ययन किया हुआ है और कुरान को लेकर भी उन्होंने कई बार मौलाना से सत्संग व परिचर्चा भी की है.


अंधविश्वास का लगा आरोप
गौरतलब है कि बागेश्वर धाम सरकार को नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की तरफ से चुनौती दी गई थी. इसपर देशभर बवाल मच गया था. हिंदू संगठनों ने भी अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का पुतला दहन किया था. वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर के दिव्य दरबार में श्याम मानव को आमंत्रण दिया था. उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए किराए का खर्चा भी उठाने का बयान दिया था. तब से ये मामला देशभर चर्चा का विषय बना हुआ है.



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