MP Politics: मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री मोहन यादव के खिलाफ भ्रामक पैरोडी गीत का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के आरोप में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह पर इंदौर में प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी.


अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि पुलिस की अपराध निरोधक शाखा ने सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 (दो) (सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाना) और और 356 (दो) (मानहानि) के तहत बुधवार देर रात मामला दर्ज किया.


उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और इसके बाद आगामी कानूनी कदम उठाए जाएंगे. दंडोतिया ने बताया कि युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ यह प्राथमिकी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधि प्रकोष्ठ की शहर इकाई के संयोजक निमेष पाठक की शिकायत पर दर्ज की गई.


शिकायत में कहा गया है, ‘‘युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सिंह ने राज्य की सर्वाधिक लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना का मजाक उड़ाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव के विरुद्ध भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने खाते पर पोस्ट किया है.’’


पाठक ने आरोप लगाया कि 'अब रोए लाड़ली बहना' के शीर्षक वाले पैरोडी गीत का यह वीडियो 'मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की साजिश' के तहत प्रसारित किया गया है और इसमें मुख्यमंत्री यादव के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया गया है. बीजेपी नेता ने कहा कि इस गीत में झूठा दावा किया गया है कि राज्य में महिलाएं असुरक्षित हैं.


यह गीत राज्य में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के शासनकाल के दौरान मार्च 2023 में पेश 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’’ के थीम गीत 'अब जियो लाड़ली बहना' की पैरोडी के रूप में तैयार किया गया है.


उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं पर झूठे मामले दर्ज कराते हुए विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है.


त्रिपाठी ने कहा,'तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में नवंबर 2023 के दौरान हुए पिछले विधानसभा चुनावों से पहले कई बार घोषणा की थी कि लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली मासिक सहायता राशि बढ़ाकर 3,000 रुपये की जाएगी, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी ने यह वादा अब तक नहीं निभाया है.'


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