MP News: मध्य प्रदेश में लगातार तेज बारिश का दौर जारी है. प्रदेश के सभी नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं. ऐसे में सीहोर के पास सिवान नदी पर बने पुल को पार करते वक्त कार में बैठा एक तहसीलदार और पटवारी कार समेत ही नदी में बह गए. यह हादसा 15 अगस्त की रात को हुआ था. इस हादसे में पटवारी का शव तो कार समेत बरामद कर लिया गया है लेकिन आज हादसे के चौथे दिन भी तहसीलदार का शव अभी तक नहीं मिला है.
शव की तलाश में लगे 50 से अधिक अधिकारी
शव की तलाश के लिए पांच नाव और पचास से अधिक कर्मचारी व अधिकारी खेतों व नदियों में तलाशी अभियान चलाए हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. अब शव की तलाश में एसडीआरएफ के 30 सदस्यीय दल को भी लगाया गया है, जो अलग-अलग दल बनाकर सीहोर से शाजापुर तक सिवान नदी में सर्च ऑपरेशन चलाएंगे.
कब और कैसे हुआ था हादसा
बता दें कि 15 अगस्त की रात इंदौर भोपाल हाईवे स्टेट तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर और पटवारी खाना खाने के बाद घर लौट रहे थे. तभी उन्होंने सिवान नदी पर बने करबला पुल को पार करने का प्रयास किया. इस दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया और उनकी कार नदी में बह गई. पटवारी महेंद्र रजक और कार तो बरामद हो गई है लेकिन हादसे के चौथे दिन भी लहसीलदार का अब तक कोई पता नहीं चला है.
परिजन बता रहे इसे सोची समझी साजिश
वहीं तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के परिजन इस घटना को सोची समझी साजिश बता रहे हैं.उन्होंने इस मामले में प्रॉपर्टी विवाद की आशंका जताई है और कहा कि नरेंद्र ठाकुर के साथ ये सब पूरी योजना के साथ किया गया. इस संबंध में गुरुवार को तहसीलदार संघ के पदाधिकारियों के साथ तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के बेटे व अन्य परिजनों ने कलेक्टर चंद्र ठाकुर से मुलाकात की. परिजनों ने एक ज्ञापन देकर इस पूरे मामले की जांच करवाने की बात कही. वहीं कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने आश्वस्त किया कि जल्द से जल्द तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर को ढूंढ लिया जाएगा.
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