Madhya Pradesh News: देश भर में एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो चुका है. नए कानून लागू होते ही पूरे मध्य प्रदेश में दो दिनों में 855 एफआईआर दर्ज की गई है. पहले दिन यानी एक जुलाई को कुल 378 एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं दूसरे दिन दो जुलाई को 477 एफआईआर दर्ज की गई. 


प्रदेश के सभी 11 जोन की सभी रेंज में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. पहले दिन सबसे अधिक एफआईआर भोपाल अर्बन में दर्ज की गई, जिसकी संख्या 35 है. दूसरे दिन उज्जैन जिले में सबसे अधिक एफआईआर दर्ज की गई, जिसकी कुल संख्या 29 है. नए कानून लागू होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन का उपयोग भी नागरिकों द्वारा किया जा रहा है.


पिछले दो दिन में ही ई-एफआईआर की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पूरे मध्य प्रदेश में दो दिन के भीतर 98 ई-एफआईआर दर्ज की गई है. सीसीटीएनएस के मुताबिक एक जुलाई को 53 और दो जुलाई को 45 एफआईआर दर्ज की गई है. नए कानून लागू होने के पहले प्रदेश भर में औसतन 10 ई-एफआईआर दर्ज की जाती थी, जबकि अब इनकी संख्या में दो दिन के भीतर ही बढ़ोतरी हुई है.


नागरिकों को भी जागरूक कर रही पुलिस
नए कानून को लेकर पुलिस नागरिकों को भी जागरुक कर रही है. प्रदेश के सभी जिलों में नवाचार कर लोगों को उनके अधिकारों और कानूनों के बारे में बताया जा रहा है. न्यायधीशों, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, अधिवक्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और जन भागीदारी से समाज के प्रत्येक नागरिक को जागरूक किया जा रहा है.


विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को उनके लिए बनाए गए कानूनों के बारे में बताया जा रहा है. स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार आयोजित कर विद्यार्थियों को नए कानून समझाए जा रहे हैं. इसके अलावा जन सभा, पैदल मार्च, रोड शो के माध्यम से भी जागरुक किया जा रहा है.


छह महीने से तैयारी कर रही थी पुलिस
पुलिस अफसरों के अनुसार नए कानून के क्रियान्वयन को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस छह महीनों से लगातार प्रयास कर रही थी. आरक्षक से लेकर आला अधिकारियों तक सभी को नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया गया. तीनों कानूनों के बारे में 302 मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया.


इनमें 31 हजार से अधिक विवेचना अधिकारी शामिल हैं. विशेष रूप से नए कानूनों में तकनीक के महत्व को बढ़ाया गया है. इस दृष्टिकोण से प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीएनएस का संचालन करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है.


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