Indore News: इंदौर की रहने वाली इंदिरा बाई महीने का 2 लाख रुपये कमाती हैं. इंदिरा बाई अपने साथ अपने बच्चों को भी इस बिजनेस में ले आईं और धडल्ले से लाखों रूपया कमा रही हैं. इन्हें हर सात दिन में बीस तीस हजार रूपया मिल ही जाता है. जो इनकी बिना इन्वेस्टमेंट की कमाई है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन सा स्टार्टअप है, जो इंदिरा बाई ने शुरू किया और पूरा परिवार मिलकर लाखों रुपये की कमाई कर रहा है. वह भी बिना किसी चवन्नी के निवेश किए. तो आइए आपको बिना देर के सच्चाई से रूबरू करवा ही देते हैं. इस खबर को पढ़कर आप भी जानकर दंग रह जाएंगे कि क्या इंदौर में ये सब होता है?


लाखों रुपये महीने कमाने वाली इंदिरा बाई पेशे से भिखारिन हैं. उन्होंने अपने साथ अपने पांचों बच्चों को भी भिक्षावृत्ति में लगा दिया है. इतना ही नहीं दिन रात भीख मांगने वाली इंदिरा बाई ने अपना खुद का दो मंजिला भवन बना लिया है. वहीं इंदिरा बाई के पास महंगा स्मार्टफोन और मोटरसाइकिल भी है. इंदिरा नामक ये महिला अपने बच्चों के साथ इंदौर से उज्जैन जाने वाले मार्ग पर भीख मांगती थी. यह महिला इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल के पास ही रहती थी और भीख मांगा करती थी.


डेढ़ माह में कमाए ढाई लाख


लवकुश चौराहे पर इसने अपना ठिकाना बनाया हुआ था. दअअसल उज्जैन से आने वाले श्रद्धालु भिखारियों को कुछ ना कुछ भीख दे ही जाते हैं. इधर 9 फरवरी को इंदिरा को प्रशासन की टीम ने उसे उसकी बेटी के साथ भीख मांगते हुए पकड़ लिया. लेकिन उसका पति और बच्चे भाग गए. जांच में टीम को इंदिरा के पास 19500 रुपये मिले, वहीं बेटी के पास से 600 रुपये बरामद हुए. उसने पूछताछ में बताया कि बीते डेढ़ महीने में करीब ढाई लाख रुपये उसने कमा लिया है.


कहां की रहने वाली है भिखारिन?


पूछताछ में महिला ने बताया कि वह राजस्थान के कोटा की रहने वाली है और कोटा में उसका दो मंजिला मकान भी है. इंदिरा की महाकाल लोक बनने के बाद कमाई बढ़ी है. पुलिस ने इंदिरा को हिरासत में लेकर उसकी बच्ची को एनजीओ के हवाले कर दिया. संस्था की प्रमुख रूपाली जैन ने कहा कि एक आंकड़े अनुसार इंदौर शहर के 7 हजार से ज्यादा भिखारी हर महीने करीब 2 करोड़ की कमाई करते हैं. 


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