MP News: मध्य प्रदेश में लगातार हो रही डिजिटल अरेस्टिंग और साइबर फ्रॉड के मामलों से बचने के लिए पुलिस ने साल बदलने के साथ-साथ पासवर्ड बदलने की भी सलाह दी है. साइबर क्राइम रोकने वाली टीम के अधिकारियों का कहना है कि लगातार अपना पासवर्ड बदलकर उसे हमेशा स्ट्रांग रखें.


पुलिस की एडवाइजरी


इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है. इस एडवाइजरी में पूछा गया है कि कैलेंडर तो बदल गया है क्या आपने अपना पासवर्ड बदला या नहीं? मध्य प्रदेश में बढ़ रही डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर ठगी और साइबर फ्रॉड के मामलों से बचने के लिए पुलिस ने पहली बार इस प्रकार की एडवाइजरी जारी की है. 






उज्जैन पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा के मुताबिक साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पासवर्ड को हमेशा स्ट्रांग रखना चाहिए. इसे हमेशा कुछ दिनों बाद बदल लेना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की साइबर ठगी की संभावना न हो. आईपीएस अधिकारी विनोद कुमार मीना के मुताबिक पुलिस द्वारा हमेशा साइबर ठगी से बचने के लिए "पासवर्ड प्रोटक्शन" को लेकर एडवाइजरी जारी की जाती रही है. 


डिजिटल अरेस्टिंग जैसा कुछ नहीं- पुलिस 


आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर के मुताबिक डिजिटल अरेस्टिंग जैसा कुछ भी नहीं होता है. पुलिस बार-बार इस जानकारी को आम लोगों तक पहुंचा रही है. डिजिटल अरेस्टिंग और पुलिस से बचने के लिए रूपयों का ट्रांजैक्शन जैसा कोई भी नियम कानून नहीं बना है, इसलिए लोगों को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है. 


कुमार अतुलकर ने कहा, ''पुलिस ने लगातार जन जागरूकता अभियान भी चलाया है. इसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. अब डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर फ्रॉड के मामले कम हो गए.''


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