Agar Malwa News Today: आगर के एक प्राचार्य के खिलाफ ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया. ग्रामीणों ने प्राचार्य पर देवी देवताओं के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया. 


इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. इन्हीं प्राचार्य का स्थानांतरण होने पर कुछ दिन पहले विद्यार्थियों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी और स्थानांतरण निरस्त होने पर उनको घोड़े पर बैठाकर जुलूस भी निकाला था.


पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर
आगर सीएसपी मोतीलाल कुशवाहा ने बताया कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा था, जिसमें अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. इस मामले की पुलिस के पास शिकायत नहीं पहुंची थी. 


बुधवार (31 जुलाई) को बड़ोद चौराहे पर कुछ लोगों ने चक्का जाम करते हुए पूरे मामले में शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि ऑडियो में जो आवाज है वह पाल खेड़ी स्कूल के प्राचार्य के सी मालवीय की है. 


इस शिकायत के बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि ऑडियो को जब्त कर लिया गया है और उसकी जांच भी कराई जाएगी.


2 महीनों से विवादों में हैं प्राचार्य
प्राचार्य के सी मालवीय उस समय विवादों में आए थे जब उन्होंने सरपंच को स्कूल में पेयजल व्यवस्था ठीक नहीं होने पर लताड़ लगाते हुए अल्टीमेटम दे दिया था, जिसके बाद उनकी शिकायत विधायक और कलेक्टर तक पहुंची. 


कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए उनका स्थानांतरण कर दिया था. बाद में पता चला कि कलेक्टर प्राचार्य का स्थानांतरण नहीं कर सकते हैं, जिसके बाद आदेश को पलट दिया गया.


घोड़े पर बैठाकर निकला था जुलूस
जब प्राचार्य का स्थानांतरण निरस्त कर उन्हें फिर से पालखेड़ी में सेवाएं देने के आदेश जारी हुए तो उनके गांव में जुलूस निकाला गया. बैंड बाजे के साथ घोड़े पर बैठाकर दूल्हे की तरह विद्यार्थी उन्हें घर से स्कूल तक लेकर आए. 


यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. हालांकि अब विद्यार्थियों का कहना है कि घोड़ा, बैंड और पटाखे के लिए पैसे प्राचार्य ने ही दिए थे. उन्होंने ही घर से जुलूस के माध्यम से स्कूल तक लाने की बात विद्यार्थियों से कही थी.


'देश पर होना चाहिए अंग्रेजों का राज'
सोशल मीडिया पर जो ऑडियो वायरल हो रहा है۔ उस ऑडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "देश में जब पूर्व में अंग्रेजों का राज था उस समय सती प्रथा सहित कई रूढ़िवादी परंपराओं को बंद कर दिया गया था. लाठी के दम पर इन परंपराओं को रोका गया था." 


कथित ऑडियो में ये भी कहा जा रहा कि "एक बार फिर देश पर अंग्रेजों का राज होना चाहिए, जिससे लाठी के दम पर मानव को इंसान बनाए जा सके." इसके अलावा मंदिरों में छुआछूत की परंपरा को देखते हुए मंदिर नहीं जाने की अपील भी ऑडियो में की जा रही है. इसमें आगे कहते हुए सुना जा सकता है कि "नेताओं को जूते की माला पहनाया जाए."


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