Lok Sabha Election 2024: मध्यप्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कमर कस ली है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी की चिंता आदिवासी वोट बैंक है, जहां उसकी पकड़ उतनी मजबूत नहीं है, जितनी वह अपेक्षा कर रही है. इसी वजह से सरकार और संगठन ने मध्य प्रदेश के महाकौशल इलाके पर विशेष फोकस किया है, जहां आदिवासी वोट बैंक चुनाव नतीजे को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं. लोकसभा चुनाव में बड़े लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार ने गोंड राजवंश की आदिवासी वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जन्म जयंती वर्ष के कार्यक्रम की शुरुआत के साथ अपनी पहली केबिनेट बैठक भी आज बुधवार (3 जनवरी) को महाकौशल के प्रमुख नगर जबलपुर में रखी है. बीजेपी का लक्ष्य इस बार सूबे की सभी 29 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल करने का है.


मुख्यमंत्री मोहन यादव दोपहर 3:30 बजे जन आभार यात्रा में होंगे शामिल


शाम 4 बजे गैरिसन ग्राउंड सदर में आयोजित जन सभा को करेंगे संबोधित


जबलपुर प्रवास के दौरान सीएम यादव 409.53 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे


शाम 5:45 बजे शक्ति भवन में कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेंगे


शाम 7:15 बजे डुमना एयरपोर्ट से भोपाल होंगे रवाना


आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद


दरअसल, मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक को अपने पाले में करने की भरसक कोशिशों के बावजूद  बीजेपी को पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई. शायद यही वजह है कि सूबे की कमान संभालने के बाद मोहन यादव सरकार से लेकर भारतीय जनता पार्टी की नजरें अब अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी वोट बैंक पर टिक गई है. 


इसी वजह से मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव कैबिनेट की पहली बैठक राजधानी भोपाल के बजाय जबलपुर में होने जा रही है. जबलपुर में राज्य के बिजली बोर्ड के मुख्यालय शक्ति भवन में होने वाली कैबिनेट की इस बैठक और उसके पहले होने वाली जनसभा को आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.


वीरांगना रानी दुर्गावती का 500 वां जन्म जयंती वर्ष


यहां बताते चलें कि गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती का 500 वां जन्म जयंती वर्ष मनाया जा रहा है. सरकार जबलपुर में होने जा रही केबिनेट बैठक को वीरांगना दुर्गावती के साथ रानी अवंति बाई के सम्मान के तौर पर प्रचारित करने की कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश  विधानसभा चुनाव के पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबलपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने 100 करोड़ की लागत से वीरांगना रानी दुर्गावती की स्मारक बनाने की परियोजना का शुभारंभ किया था.


भारतीय जनता पार्टी के खाते में 13 में से 5 सीटें ही आ पाई थीं


दरअसल, महाकौशल अंचल की 38 विधानसभा सीटों में से 13 आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा कई अन्य सीटों पर आदिवासी वोट बैंक हार जीत के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. हाल के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी के खाते में 13 में से महज 5 सीटें ही आ पाई थी. इसलिए कैबिनेट बैठक के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिहाज से आदिवासी मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए अभी से ही कोशिशें शुरू कर दी हैं.


गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव का जबलपुर दौरा शुरू होगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश की मोहन यादव सरकार की नजर आदिवासी वोट बैंक पर है. इसी वजह से वीरांगना रानी दुर्गावती के बहाने पार्टी आदिवासी मतदाताओं को साधने की पुरजोर कोशिशें में अभी से जुट गई है. महाकौशल अंचल के अलावा आसपास के कई जिलों में आदिवासी मतदाताओं एक बड़ी आबादी निवास करती है. ऐसे में मोहन यादव कैबिनेट की पहली बैठक को वीरांगना के सम्मान में करने का प्रचार कर भाजपा आदिवासियों की हिमायती होने का संदेश देने की कोशिश कर रही है.


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