MP Politics: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. आज यानी गुरुवार (14 दिसंबर) को राजधानी भोपाल में कांग्रेस के विधायक दल की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ को शामिल होना था, लेकिन छिंदवाड़ा में कार्यक्रम होने की वजह से वे शामिल नहीं हो सके. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय होना था, लेकिन नहीं हो सका. अब बताया जा रहा है कि दिल्ली हाईकमान ही नेता प्रतिपक्ष तय करेगा.
बता दें आज राजधानी भोपाल में स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक आयोजित की गई. बैठक में रणदीप सुरजेवाला सहित भंवर जितेन्द्र सिंह, दिग्विजय सिंह मौजूद रहें. बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ को भी मौजूद होना था, लेकिन वे किन्हीं कारणों के चलते बैठक में शामिल नहीं हो पाए. बैठक में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय होना था, लेकिन नहीं हो सका. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजय सिंह ने कहा कि बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष का फैसला दिल्ली हाईकमान करेगा.
इस नाम पर हो सकता है विचार
बैठक के दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने विधायकों से वन टू वन चर्चा की. बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के रूप में किसी आदिवासी विधायक के नाम का ऐलान कर सकती है. ऐसे में पूर्व डिप्टी सीएम स्व. जमुना देवी के भतीजे और धार जिले की गंधवानी सीट से चौथी बार विधायक चुनकर आए उमंग सिंगार, डिंडोरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम, बड़वानी जिले की राजपुर सीट से विधायक बने बाला बच्चन के नाम पर विचार हो सकता है.
इस वजह से कमलनाथ नहीं हुए बैठक में शामिल
हालांकि चुनाव में बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए 163 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस के खाते में 66 सीटें आईं. मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं. अभी बीजेपी के पास 28 सीटें हैं. ऐसे में कमलनाथ के सामने बड़ी चुनौती है. लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने कमर कस ली है. दरअसल एमपी में कांग्रेस को मिली हार के बाद कमलनाथ की नजर अब लोकसभा में पार्टी को जीत दिलाने पर है. विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल न गिरे, इस बात का भी उन्हें ध्यान है. कमलनाथ चार दिवसीय प्रवास में 12 दिसंबर को छिंदवाड़ा गए. वहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जवानी छिंदवाड़ा को समर्पित कर दी. अपने परिवार की ओर नहीं देखा और न ही अपने स्वास्थ्य की चिंता की. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि उनका दिल छिंदवाड़ा में बसता है. छिंदवाड़ा में होने की वजह से वह कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हो पाए.
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