Indore: 'प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट झूठ का पुलिंदा', कांग्रेस ने लगाए MP सरकार पर आरोप
MP Politics: प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट से अलग मध्यप्रदेश कांग्रेस (MP Congress) ने पोल खोल अभियान चलाया है. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार का दावा हकीकत से कोसों दूर है.
Indore Pravasi Bhartiya Sammelan: कांग्रेस ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट (Investors Summit) को झूठ का पुलिंदा बताया है. पोल खोल अभियान के तहत कांग्रेस (Congress) ने मध्यप्रदेश सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सीहोर में 300 करोड़ की लागत से बननेवाला रेल इंजन कारखाना लापता हो गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने रेल इंजन कारख़ाने का भूमिपूजन किया था.
23 अक्टूबर 2010 को खजुराहो समिट में मुख्यमंत्री शिवराज ने रेल इंजन कारखाना लगाने के लिए दौलतराम इंडस्ट्री से करार किया था. जमीन लेने के बाद आज तक रेल इंजन का कारखाना नहीं लगा. मुख्यमंत्री भी करार कर जमीन का आवंटन भूल गए.
'प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट झूठ का पुलिंदा'
मुख्यमंत्री शिवराज ने करार होने पर बड़े-बड़े दावे किए थे और कहा था कि परियोजना शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान का दावा हकीकत से कोसों दूर है. मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए बेहतर वातावरण और नए-नए उद्योग स्थापित होने से लोगों को रोजगार मिलने की बात झूठी निकली. इंदौर में कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध महेश्वर साड़ी उघोग बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है.
खरगोन जिले के महेश्वर की साड़ी देश सहित विश्व में पहचान रखती है. महेश्वर का साड़ी उद्योग शिवराज सरकार की नीति के कारण मंदी की मार झेल रहा है. एक हजार से ज्यादा हैंडलूम बंद हो गए हैं और करीब सात हजार से ज्यादा बुनकर प्रभावित हुए है. अनेक शो रूम पर ताला चढ़ गया है. शिवराज सरकार ने आज तक उद्योग की मदद नहीं की है.
वर्षों पूर्व देवी अहिल्या ने मांडू और गुजरात के कारीगरों को महेश्वर में बसाया था.लेकिन शिवराज सरकार की अदूरदर्शिता की वजह से महेश्वर का साड़ी उघोग तबाह हो गया है. दावा किया गया था कि मध्यप्रदेश में जनवरी 2021 और 2022 तक एक हजार नई इंडस्ट्री शुरू हो जाएगी. लेकिन दावे सिर्फ दावे ही निकले. मात्र रजिस्ट्रेशन की संख्या बताने वाले मंत्री सखलेचा को पता नहीं की कितनी इंडस्ट्री शुरू हुई है. इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने की बातें करती हैं मगर ऐसा हो नहीं पा रहा क्योंकि इंदौर का मामला प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है. एक उद्योगपति अधिकारियों की हठधर्मिता से बर्बाद हो गया है.
कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ शुरू किया पोल खोल अभियान
उद्योगपति ने आरोप लगाए कि वैध दस्तावेज होने के बावजूद बात नहीं मानने पर अधिकारी ने बर्बाद कर दिया और आज न्याय के लिए भटक रहा हैं. पीएम से लेकर सीएम और अफसरों तक को पत्र लिख चुका है लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. इंदौर निवासी उद्योगपति दिनेश अग्रवाल ने सोया प्लांट डाला था. उस समय उन्होंने सोचा था कि सोयाबीन की प्रदेश में अच्छी पैदावार होती है. सोया तेल और अन्य उत्पादों पर सरकार सब्सिडी भी देती है. इसलिए उद्योगपति ने कई जगह सोया प्लांट लगा दिए थे.
अग्रवाल को प्लांट शुरू होने के बाद अच्छा प्रतिसाद भी मिला मगर सेल्स टैक्स के अधिकारियों से पटरी नहीं बैठने पर आज पूरी तरह बर्बाद हो गया. ना उद्योग बचा और ना ही व्यापार. उद्योगपति दिनेश अग्रवाल के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया. हैरानी इस बात है कि दिनेश की कहीं सुनवाई नहीं हो रही. तमाम दस्तावेज और साक्ष्य होने के बाद भी कोई नहीं सुन रहा. ऐसी परिस्थितियों में भला प्रवासी भारतीय कैसे प्रदेश में. में इंवेस्टमेंट करेंगे. मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं. शिवराज सरकार का चाल-चरित्र- चेहरा उजागर हो गया है.