MP Politics: बदलाव की बयार या कुछ और? सिंधिया के बेहद करीबी माने जाने वाले निजी सचिव को हटाया गया
Jyotiraditya Scindia News: कई बार पुरषोत्तम पाराशर के खिलाफ ज्योतिरादित्य तक शिकायतें पहुंची थीं. निजी सचिव मूल रूप से एनटीपीसी में पदस्थ रहे हैं. उनकी वापस एनटीपीसी में रवानगी हो गई है.
Jyotiraditya Scindia Removes Personal Secretary: करीब 15 साल बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के निजी सचिव के रूप में उनका पूरा कामकाज संभालने वाले पुरुषोत्तम पाराशर (Purushottam Parashar) को हटा दिया गया है. पुरुषोत्तम पाराशर कई बार विवादों में घिर चुके हैं. इस बार यह चर्चा है कि आरएसएस के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में सियासत में बदलाव की बयार चल रही है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निजी सचिव पुरुषोत्तम पाराशर को हटा दिया गया है. इस बात की जानकारी मीडिया तक पहुंचने में थोड़ा वक्त जरूर लगा, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा हो चुकी है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद करीबी हैं पुरोषत्तम पाराशर
निजी सचिव पुरुषोत्तम पाराशर की ज्योतिरादित्य सिंधिया से इतनी करीबी थी कि जब साल 2000 में एमपीसीए (मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) के 5 सदस्यों की नियुक्ति होना थी, तो इसमें एक सदस्य के रूप में पुरुषोत्तम पाराशर का नाम सामने आया था. इसके बाद से उनके रसूख की चर्चा सभी जगह होने लगी.
अगर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से किसी भी आम और खास को मिलना होता था, तो सबसे महत्वपूर्ण भूमिका पुरुषोत्तम पाराशर ही निभाते थे. उनके हटने के पीछे संघ की नाराजगी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है. हालांकि, इसकी आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हमेशा जुड़ा नाम
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जब भी कोई आरोप लगे, तब निजी सचिव पुरुषोत्तम पाराशर का नाम जरूर जुड़ा. इसके अलावा, जब भी कोई बड़ी उपलब्धि हुई, उस समय भी पुरुषोत्तम पाराशर को बधाइयां मिलीं. जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में कदम आगे बढ़ाया था, तब भी पुरुषोत्तम पाराशर लगातार सिंधिया समर्थक विधायकों के संपर्क में थे.
कई बार मंत्री तक पहुंचीं शिकायतें
कई बार पुरषोत्तम पाराशर के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य तक शिकायतें भी पहुंची थीं. उनको हटाए जाने के पीछे शिकायत भी बड़ा कारण माना जा रहा है. निजी सचिव मूल रूप से एनटीपीसी में पदस्थ रहे हैं. उनकी वापस एनटीपीसी में रवानगी हो गई है.
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