MP News: मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा 15 नवंबर को गौरव दिवस मनाया जा रहा है. इस मुख्य आयोजन में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) शामिल होंगी. आयोजन को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने तंज कसा है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आदिवासी गौरव दिवस मना रही है लेकिन सच्चाई ये है कि बीजेपी हमेशा आदिवासी समुदाय के विरुद्ध कार्य करती है.
आदिवासी अत्याचार में मध्य प्रदेश को देश में नंबर वन बनाने वाली और विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश समाप्त करने वाली बीजेपी सरकार को आदिवासी गौरव दिवस मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी एक तरफ आदिवासी गौरव दिवस मना रही है. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश आदिवासी अत्याचारों में पूरे देश में नंबर वन है. प्रदेश अब तक नेमावर की वह घटना नहीं भुला पाया है जिसमें पूरे आदिवासी परिवार की जघन्य हत्या कर उन्हें जमीन में गाड़ दिया गया था.
20 सालों से लागू नहीं हुआ पैसा एक्ट
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में पिछले 20 सालों से पेसा कानून लागू नहीं हो पाया. मध्य प्रदेश में 01 लाख से अधिक बैकलाग के पद खाली पड़े हैं जिसको भरने में प्रदेश की बीजेपी सरकार की कोई रुचि दिखायी नहीं देती है. वह तो केवल आदिवासी वर्ग सहित सभी वर्गों को झूठ, फरेब और विज्ञापनों से भ्रमित करने में लगी हुई है.
सवा तीन लाख आवेदन निरस्त
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के गौरव दिवस की हकीकत ये है कि वन उपज संग्राहकों का 02 लाख तक का बीमा किया जाता था जो बंद कर दिया गया. वहीं वन अधिकार अधिनियम में 06 लाख आवेदन आए, जिसमें 3.25 लाख आवेदन निरस्त कर दिए गए. उन्होंने कहा कि 52 फीसदी आवेदन निरस्त करने का मतलब है कि सरकार आदिवासियों को जंगल की जमीन पर अधिकार देना ही नहीं चाहती.
निष्क्रिय पड़ी हैं वन समितियां
कमलनाथ ने कहा कि पूरे प्रदेश में वन समितियां निष्क्रिय पड़ी हैं. उन्हें बजट नहीं दिया जा रहा है. कुछ बजट मिलता भी है तो शिवराज सरकार श्रेय के नाम पर अपने राजनीतिक कार्यक्रमों, इंवेट में खर्च कर देती है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अब आदिवासी वर्ग इस झूठी, फरेबी और नौटंकीबाज सरकार की हकीकत जान चुका हैं. मध्य प्रदेश का आदिवासी कांग्रेस के साथ तो रहा ही है अब गुजरात का आदिवासी भी बीजेपी के खिलाफ सडकों पर उतर गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को अब समझ लेना चाहिए कि आदिवासी वर्ग को भ्रमित करने से उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला है. बीजेपी नौटंकी और इंवेंट की राजनीति छोड़ धरातल पर कुछ करके दिखाए.