MP News: जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Scheme) पर मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. बीजेपी योजना को सरकार की बड़ी उपलब्धि बता रही है. कांग्रेस योजना को असफल बताते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल योजना (Har Ghar Nal Yojana) को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. गांव में पानी की टंकी बनाकर घरों तक पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है. जल जीवन मिशन की समय-समय पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) खुद समीक्षा बैठक ले चुके हैं.


जल जीवन मिशन पर कांग्रेस-बीजेपी में भिड़ंत


केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त अभियान से उज्जैन संभाग में करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है. बीजेपी विधायक पारस जैन पीएम मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की दूर दृष्टि के कारण गांव की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है. गांव की शिक्षा, स्वास्थ्य और जल सहित मूलभूत सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है. उज्जैन संभाग के कई गांवों में साफ पानी लोगों को मुहैया हुआ है. जल जीवन मिशन वास्तव में नाम के अनुसार सार्थकता की ओर आगे बढ़ रहा है.


'दर्जनों गांवों में नहीं पहुंचा योजना का लाभ'


कांग्रेस विधायक महेश परमार को लगता है कि गांवों के लोगों की हालत पहले से भी बदतर हो गई है. उन्होंने जल जीवन मिशन में करोड़ों खर्च पर कहा कि गांवों में टंकियां बना दी गई मगर पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. नल जल योजना के औचित्य पर सवाल उठाते हुए विधायक ने भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. सादगी, रूनजी, ढाबला हरदू सहित दर्जनों गांवों में धरातल पर योजना दिखाई नहीं दे रही है. योजना के केवल नाम बदलते रहे हैं. इसका लाभ अभी तक ग्रामीण इलाकों में देखने को नहीं मिल रहा है. नल जल योजना के माध्यम से जल जीवन मिशन को सफल बनाने पर साल 2022 में 609 करोड़ खर्च किए गए. उज्जैन संभाग के रतलाम, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, आगर मालवा, शाजापुर, देवास में 895 कार्य किए गए. 


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