MP Elections 2023: धार्मिक नगरी उज्जैन के महिदपुर और नागदा क्षेत्र के दो विधायक जिला बनाने की मांग को लेकर आमने-सामने हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 20 जुलाई को नागदा में कार्यक्रम है. इस दौरान बड़ी घोषणा की संभावना के चलते विधायकों ने भी अपनी मांग को तेज कर दिया है. उज्जैन जिले के नागदा विधानसभा सीट लंबे समय से कांग्रेस के पाले में जा रही है.


नागदा के लोग इस बात को लेकर वोट कर रहे हैं कि उनके चुने हुए जनप्रतिनिधि नागदा को जिला बनाए ताकि उन्हें सुविधाएं मिल सके. कांग्रेस के विधायक दिलीप गुर्जर भी इसी मांग को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की सरकार में अड़े रहे है. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने जाते-जाते नागदा को जिला बनाने की घोषणा कर दी लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया.


क्या है दोनों विधायकों की मांग?


कांग्रेस के विधायक दिलीप गुर्जर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी कई बार नागदा को जिला बनाने की मांग कर चुके हैं. 20 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नागदा जा रहे हैं. इसके पहले एक बार फिर मांग को बुलंद कर दिया गया है. यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नागदा को जिला बनाने की घोषणा भी कर सकते हैं.


हालांकि यह संभावना ही है. नागदा बनाने के साथ-साथ इसके सीमांकन को लेकर अब विवाद पनप गया है. महिदपुर के बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बहादुर सिंह चौहान ने महिदपुर को जिला बनाने की मांग उठा दी है. विधायक का कहना है कि महिदपुर की जनता भी लंबे समय से महिदपुर को जिला बनाने की मांग रही है. 


जिले के सीमांकन को लेकर चल रहा है विवाद


नागदा को जिला बनाना अभी इतनी आसान दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि इसके सीमांकन को लेकर विवाद पनप गया है. महिदपुर के लोग चाहते हैं कि महिदपुर तहसील उज्जैन से जुड़ी रहे जबकि नागदा को जिला बनाने के लिए खाचरोद के साथ-साथ महिदपुर, झार्डा और आलोट को इससे मिलाना बेहद जरूरी है. महिदपुर के स्थानीय निवासी अधिकारियों को ज्ञापन देकर महिदपुर को जिला बनाने या फिर महिदपुर तहसील को उज्जैन में रखने की मांग पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं.


महिदपुर से उज्जैन 45 और नागदा 24 किलोमीटर


यदि उज्जैन और महिदपुर के बीच की दूरी देखी जाए तो यह 45 किलोमीटर है जबकि नागदा 24 किलोमीटर के लगभग है. ऐसी स्थिति में यदि नागदा जिला बन जाता है तो महिदपुर के लोगों को 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा. हालांकि लोगों का यह भी तर्क है कि उज्जैन से आवागमन काफी सुलभ है. दूसरी तरफ महिदपुर की पूरी सीमा नागदा जिले से जुड़ी हुई है. 


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