Pradhan Mantri Matritva Vandana Yojana: देशभर में गर्भवती महिलाओं के अच्छे स्वस्थ्य और देखभाल के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत की गयी थी. एक जनवरी 2017 को योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी है. महिला एवं बाल विकास द्वारा इसका संचालन किया जाता है. जिन महिलाओं की उम्र 19 या उससे अधिक होगी वही इसके लिए आवेदन कर सकती हैं.
मध्य प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार की राशि पहुंचाने से जुड़ी मातृ वंदना योजना के मामले में लोगों को शिकायतें हैं. यही वजह है कि पिछले 15 माह में 17 हजार लोगों ने सरकार से मदद मांगी. आरोप है कि लाडली लक्ष्मी योजना की तरफ भी विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
महिलाओं को सरकार देती है 6000 रुपये की सहायता राशि
योजना के तहत जो महिलाएं पहली बार गर्भधारण कर रही होंगी या बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को सरकार 6000 रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी. योजना से मिलने वाली राशि सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से ट्रांसफर कर दी जाएगी. स्वयं का बैंक अकाउंट होना बहुत जरूरी है जो आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए.
यह सहायता राशि महिलाओं को 3 क़िस्त में प्रदान की जाती है. बच्चे के जन्म के समय सरकार द्वारा पहली क़िस्त लाभार्थी के खाते में पहुंचा दी जाएगी. लेकिन मध्य प्रदेश में इस योजना को लेकर 17000 लोगों ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है.
इस मामले में सीएम के गृह जिले सीहोर से भी 66 शिकायतें दर्ज की गई हैं. योजना में बच्चियों के नाम शामिल नहीं करने को लेकर प्रदेश के पांच हजार लोगों ने शिकायतें दर्ज कराई है. महिला एवं बाल विकास की करीब दस योजनाओं में 15 माह में 31 हजार से ज्यादा शिकायतें सीएम हेल्पलाइन विभाग के कार्यालय में दर्ज हुई हैं.
पोषण आहार की राशि नहीं मिलने की सबसे ज्यादा शिकायतें पांच जिलों में
शिवपुरी - 2146
भिंड- 1397
रीवा- 1381
सागर- 1278
मुरैना- 1171
विभाग के कर्मचारी भी असंतुष्ट हैं. 1000 से ज्यादा कर्मियों ने पेंशन नहीं मिलने से संबंधित शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की है. विभाग में निराकरण काफी तेजी से किया है. लेकिन अभी भी 15% से कार्य अलग-अलग स्तर पर लंबित हैं. उधर विभाग से जुड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने को लेकर सबसे कम शिकायतें आदिवासी जिलों से आई हैं.
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