MP Latest News: मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2025 से बंदी जेल सुधार अधिनियम लागू होगा. इसे लेकर सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. यह लागू होने के बाद सब कुछ बदल जाएगा. जेल के नाम से लेकर अधिकारियों के 'पद नाम' तक बदलेंगे. मध्य प्रदेश विधानसभा में सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 पहले ही पेश हो चुका है.


जेल विभाग के डीआईजी संजय पांडे ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसके तहत अब 2 अक्टूबर से लागू होने वाला जेल सुधार अधिनियम 1 जनवरी 2025 से लागू हो जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार जेलों के नाम बदलकर 'कारागार और सुधारात्मक संस्था' के रूप में रखेगी. अभी तक जो केंद्रीय जेल, जिला जेल, उप जेल और खुली जेल के रूप में पहचान बनी थी. अब उसे बदलकर केंद्रीय कारागार एवं सुधार संस्था,  जिला कारागार एवं सुधार संस्था, उप कारागार एवं सुधार संस्था और खुली कारागार एवं सुधार संस्था के नाम से जेल पहचानी जाएगी.


दशकों बाद हो रहा बदलाव


जेल डीआईजी मंसाराम पटेल के मुताबिक जेल अधिनियम को काफी लंबे समय के बाद बदलाव किया जा रहा है. मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 को केंद्र सरकार के मॉडल कारागार अधिनियम 2023 की तर्ज पर तैयार किया गया है.  अब इसे 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा.


सुधार सेवा अधिकारी के नाम से पहचाने जाएंगे जेल अधिकारी


जेल अधिकारियों के मुताबिक नया कानून लागू होने के बाद उनके पद का नाम भी बदल जाएगा. वर्तमान में जो जेल अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं वे सुधार सेवा अधिकारी के रूप में जाने जाएंगे. यह महत्वपूर्ण बदलाव सरकार 1 जनवरी से करने जा रही है.


50,000 से ज्यादा कैदी हैं जेलों में कैद


जेल अधिकारियों के मुताबिक मध्य प्रदेश में 50,000 से ज्यादा कैदी 132 जिलों में कैद है. अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में जिलों में 35,000 कैदियों की क्षमता है लेकिन अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद है. इसी के चलते रतलाम, मंदसौर, भिंड, सागर, छतरपुर, दमोह, बैतूल सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में नई जेल बनाने का प्रस्ताव है. इसी के साथ सरकार नई खुली जेल भी लगातार बना रही है.


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