MP Weather Forecast: मध्य प्रदेश में 2 दिन बाद यानी 20 अक्टूबर से सर्दी का असर शुरू होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. इसका असर धीरे-धीरे दिखने भी लगा है. रीवा, राजगढ़, ग्वालियर और पचमढ़ी में रात का पारा 19 डिग्री के नीचे आ गया है. इधर दो दिन तक प्रदेश के दक्षिणी हिस्से के 12 जिलों में गरज चमक के साथ बारिश की भी संभावना है.


मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर ने कहा कि लो प्रेशर एरिया और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से प्रदेश के कुछ जिलों में दो दिन तक बारिश होगी, लेकिन 20 अक्टूबर से प्रदेश के मौसम में बदलाव आएगा, बारिश थम जाएगी.


जबकि धीरे-धीरे सर्दी का दौर शुरू हो जाएगा. इधर प्रदेश के रीवा-राजगढ़, ग्वालियर-पचमढ़ी में रात का पारा 19 डिग्री के नीचे पहुंच गया है, जबकि इंदौर, ग्वालियर में तापमान 21-22 डिग्री के आसपास बना है.


दो दिनों में इन जिलों में बारिश
बारिश का सिस्टम एक्टिव होने की वजह से प्रदेश के कुछ जिलों में गरज चमक के साथ बारिश होगी. आज 18 अक्टूबर को बालाघाट, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी में बारिश का अनुमान है. कल 19 अक्टूबर को खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट में गरज चमक के साथ बारिश होगी. बाकी जिलों में धूप खिलेगी. 


प्रदेश से मानसून की हो चुकी है विदाई
मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है. सबसे पहले 2 अक्टूबर को शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया और श्योपुर से मानसून विदा हुआ, जबकि 5 अक्टूबर को मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, देवास, आगर, शाजापुर, भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, इंदौर, खरगोन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना.


इसी तरह 11 अक्टूबर को जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, उमरिया, अनूपपुर, सतना, मैहर, सीधी, मऊगंज, रीवा, शहडोल और सिंगरौली. 13 अक्टूबर को सिवनी, नर्मदापुरम, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, जबकि सबसे आखिरी में 15 अक्टूबर को धार, बुरहानपुर, खंडवा, मंडला, छिंदवाड़ा और बैतूल से मानसून की विदाई हो चुकी है. 


रबी सीजन के लिए अनुकूल मौसम
मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर के अनुसार खरीफ फसल लगभग 95 प्रतिशत खेतों से कट गई है. अब किसान रबी फसल की बोवनी की तैयारियों में जुटेगा. यदि अब बारिश होती है तो किसानों को बोनी करने में लाभ होगा साथ ही रबी सीजन की फसल गेहूं, चना से अच्छा उत्पादन हो सकेगा.


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