Jabalpur News: 18 सितंबर को संसद की 96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का सोमवार आखिरी दिन था. आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने तमाम सांसद पहुंचे. इस इमारत में जबलपुर संसदीय क्षेत्र के लोकसभा के सदस्यों ने कई ऐतिहासिक प्रश्न पूछे और बहस में भाग लिया.


1952 से अभी तक जबलपुर ने लोकसभा को अलग-अलग चुनाव में 12 सांसद दिए हैं. इनमें से शरद यादव को छोड़ कर कभी कोई केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं रहा. सम सामयिक विषयों के जानकार पंकज स्वामी के शोध के मुताबिक शरद यादव जब पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किए गए तब वे बदायूं से लोकसभा के सदस्य थे. अभी तक शरद यादव को छोड़ कर शेष जबलपुर के सांसद एक ही राजनीतिक दल से संबद्ध रहे हैं. 


शरद यादव ने अपनी संसदीय यात्रा में जबलपुर से शुरुआत करते हुए विपक्ष के पीपुल्स कैंडिडेट के पहले प्रयोग के रूप में भारतीय लोक दल के चिह्न से चुनाव जीता था. फिर इसके बाद जनता दल, लोकतांत्रि‍क जनता दल, जनता दल यूनाइटेड व राष्ट्रीय जनता दल तक यात्रा पूर्ण की.


पंकज स्वामी बताते है कि 1952 में जब पहली लोकसभा का गठन हुआ, उस समय जबलपुर की दो लोकसभा सीट थीं. जबलपुर उत्तर से सुशील कुमार पटेरिया और जबलपुर दक्ष‍िण-मंडला से मंगरु गनु उइके सांसद के रूप में चुने गए. सुशील कुमार पटेरिया ने 1952 में जुलाई से नवम्बर तक के छोटे कार्यकाल में लोकसभा सदस्य के रूप में दो सत्रों में 14 प्रश्नों को पूछा व बहस में भाग लिया. वहीं, मंगरु गनु उइके ने 18 दिसंबर 1953 को संसद में सांसद के रूप में अपना प्रथम प्रश्न पूछा. उन्होंने सांसद के कार्यकाल में कुल 172 प्रश्न पूछे व बहस में भाग लिया.


सांसद सेठ गोविंद दास को मिला लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर बनने का गौरव  
इसी तरह जबलपुर से पांच बार के सांसद सेठ गोविंद दास ने देश की प्रथम लोकसभा में 19 मई 1952 को अपना पहला प्रश्न पूछा था. सेठ गोविंद दास ने जबलपुर लोकसभा का प्रथम से पांचवी लोकसभा का प्रत‍िन‍िध‍ित्व किया. उन्हें दूसरी, तीसरी, चौथी व पांचवी लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर का गौरव भी मिला. लोकसभा डाटा के अनुसार सेठ गोविंद दास ने 1302 बार प्रश्न व बहस में भाग लिया. पंकज स्वामी आगे बताते है कि जबलपुर से सांसद के रूप में अपना जीवन शुरु करने वाले शरद यादव ने सांसद के रूप में कुल 1426 प्रश्न पूछे और बहस में भाग लिया. 1974 में जबलपुर लोकसभा के उपचुनाव में विजयी होने के पश्चात 18 फरवरी 1975 को शरद यादव ने जबलपुर के सांसद के रूप में पहला प्रश्न लोकसभा में पूछा था कि सागर में एक दलित की मौत पुलिस की पिटाई से कैसे हुई? 


जबलपुर से 1975 में पहली बार सांसद बने शरद यादव 
इसके बाद जो सिलसिला शुरु हुआ तो उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र जबलपुर के साथ पूरे देश की समस्याओं को प्रश्न व बहस के साथ उठाने का बीड़ा उठा लिया. उनके प्रश्न व बहस के विषय किसान, मजदूर, श्रमिक और आम आदमी रहते थे. शरद यादव ने वर्ष 1975 में पहली बार सांसद बनने के बाद 59 प्रश्न लोकसभा में पूछे. वे आपात्काल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में विजयी होने के बाद 1980 तक सांसद रहे. शरद यादव सात बार लोकसभा और चार बार राजसभा के सदस्य रहे. शरद यादव के साथ व‍िश‍िष्ट बात यह रही कि वे जबलपुर से दो बार और बिहार के मधेपुरा से चार बार सांसद के रूप में चुने गए. वे एक बार उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा के सदस्य रहे. शरद यादव ने 1981 में अमेठी से राजीव गांधी के विरूद्ध उपचुनाव लड़ा था. शरद यादव 1986 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे.


मुंदर शर्मा ने 290 बार लोकसभा में प्रश्न पूछे
1980 में मध्यावध‍ि चुनाव में मुंदर शर्मा जबलपुर के सांसद चुने गए. लोकसभा संदर्भ के अनुसार मुंदर शर्मा ने अल्प कार्यकाल में 290 बार लोकसभा में प्रश्न पूछे व बहस में भाग लिया. मुंदर शर्मा की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में बाबूराव परांजपे सातवीं लोकसभा के सांसद के रूप में वर्ष 1982 में चुने गए. वे 1989 में 9वीं लोकसभा, 1996 में 11वीं व 1998 में 12वीं लोकसभा में सांसद के रूप में चुने गए. वे चार बार लोकसभा के सांसद चुने गए. बाबूराव परांजपे का 1982 से 1998 तक कुल 16 वर्ष में लोकसभा संदर्भ में 463 बार जिक्र मिलता है. 1984 में आठवीं लोकसभा के लिए जबलपुर से कर्नल अजय नारायण मुशरान चुने गए थे. लोकसभा संदर्भ के अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल में कुल 452 प्रश्न पूछे और बहस में भाग लिया. 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए श्रवण कुमार पटेल चुने गए. लोकसभा संदर्भ के अनुसार 1469 प्रश्न व बहस उनके नाम रही. 1999 में जयश्री बेनर्जी 13वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं. 2004 तक के कार्यकाल में 343 बार उनका नाम लोकसभा में पुकारा गया.


पुरानी लोकसभा में सांसद राकेश सिंह ने पूछे कुल 1343 प्रश्न 
वर्तमान सांसद राकेश सिंह 14, 15, 16 व 17वीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं. उन्होंने 13 जुलाई 2004 को लोकसभा में पहला प्रश्न पूछ कर लोकसभा में अपनी शुरुआत की. अभी तक उनके खाते में 1343 प्रश्न व बहस दर्ज हैं. इस प्रकार लोकसभा की पुरानी इमारत में जबलपुर के लोकसभा सदस्यों के नाम कई जनहित के प्रश्न व बहस शामि‍ल हैं. इन सदस्यों ने अपने कार्यकाल में कई संसदीय समितियों में प्रतिन‍िध‍ित्व किया है. जबलपुर संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं के मन-मस्ति‍ष्क में भी संसद की पुरानी इमारत की छवि गहरे रूप में दर्ज है. संभावना है कि संसद की नई इमारत जबलपुर के लिए भी संभावना के नए द्वार खोलेगी.


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