MP: सिंधिया के शाही महल में झांसी की रानी की एंट्री, ग्वालियर के जयविलास पैलेस में नजर आएंगी वीरांगना लक्ष्मीबाई
MP News: ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है. अब 'वीरांगना लक्ष्मीबाई' सिंधिया परिवार के शाही महल में स्थायी रूप से और सदैव मौजूद रहेंगी.
Gwalior News: 165 साल के एक लंबे अंतराल के बाद ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में एक बड़ा परिवर्तन आज शाम होने वाला है. साल 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ हुई पहली क्रांति की नायिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाते हुए ग्वालियर पहुंची थी और यहीं पर उन्हें वीरगति प्राप्त हुई थी. अंग्रेजों ने बाद में उन्हें फिर से सत्तारूढ़ कराया था, तब से लेकर इस मामले को लेकर सिंधिया परिवार लोगों के निशाने पर रहा था. उन पर लक्ष्मीबाई का साथ न देने का आरोप लगता रहा है. आज ज्योतिरादित्य सिंधिया जिस बीजेपी में है वह तो बाकयदा उनके खिलाफ लगातार यह मामला उठाकर सिंधिया परिवार पर निशाना साधती रही लेकिन अब यह आरोप आज रविवार की शाम से खामोश हो जाएंगी.
अब वीरांगना लक्ष्मीबाई सिंधिया परिवार के शाही महल में स्थाई रूप से और सदैव मौजूद रहेंगी. सिंधिया के जयविलास पैलेस में स्थित म्यूजियम में तैयार की गयी एक नयी गैलरी "गाथा स्वराज की " के नाम पर तैयार की गयी है. इसमें मराठा राजाओं के योगदान को दिखाया गया है. इसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शाम को करेंगे.
42 कमरों में बना है यह संग्रहालय
यह संग्रहालय जयविलास पैलेस परिसर में ही स्थित है. जयविलास पैलेस इटली की टस्कन और कोरिंथियन शैली में बना न केवल भारत बल्कि दुनिया के चुनिंदा महलों में से एक है जिसके पूरे वास्तु में राजसी वैभव छलकता है. चार सौ भव्य और विशाल हॉल नुमा कमरों वाले इस के चालीस कमरों में दिवंगत राजमाता विजयाराजे सिंधिया द्वारा अपने पति महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की स्मृति में एक म्यूजियम का निर्माण कराया गया था जिसमें सिंधिया राज परिवार की गाथा कहते हुए उनके परिवार से जुड़े सामान आदि को संरक्षित किया गया है. यह म्यूजियम दुनिया के गिने-चुने शाही म्यूजियमों में से एक है जिसे देखने देश-दुनिया से हजारों दर्शक हर वर्ष ग्वालियर पहुंचते हैं.
मराठा शासकों को गौरवगाथा गैलरी
अब इस म्यूजियम में भारत की राजसी सांस्कृतिक विरासत का एक नया अध्याय जोड़ गया है. कुछ साल पूर्व इस म्यूजियम की देखरेख की कमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे ने संभाली है तब से इसका पूरा कायाकल्प हो गया. उन्होंने इसमें लोकल वेंडर्स को प्रमोट करने के लिए फेस्टिबल करना शुरू किये और इसमें मराठा गैलरी की परिकल्पना की. सूत्र बताते हैं कि कोरोना काल शुरू होने के बाद से सिंधिया के बेटे महान आर्यमन सिंधिया ने अपना ज्यादातर समय ग्वालियर के पैलेस में गुजारा. इस मराठा गैलरी का पूरा आकल्पन इन दोनों मां-बेटे ने ही किया है. इसे नाम दिया गया है "गाथा स्वराज की " इस गैलरी को मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज और सिंधिया साम्राज्य के संस्थापक महादजी सिंधिया को समर्पित किया गया है.
तीस मराठा शासकों की रियासतों की झलक मिलेगी
भारतीय इतिहास में मराठा शासकों को महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय मौजूदगी रही है. इस गैलरी के जरिये बताया गया है कि शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना कर जो बीजारोपण किया था उसे आगे बढ़ाने का काम महादजी सिंधिया ने किया जब दिल्ली में उन्होंने हिंदवी साम्राज्य का झंडा गाढ़ दिया था. इस गैलरी में देश के प्रमुख मराठा शासक सिंधिया, गायकवाड़, होल्कर, नेवालकर, भौंसले और पंवार जैसे तीस मराठा रियासतों के बारे में उल्लेख किया गया है. उस समय इन मराठा शासकों ने मुगलों से जमकर मुकाबला करते हुए लोहा लिया था और अनेक स्थानों पर उन्हें परास्त भी किया था.
उल्लेखनीय यह भी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी गुजरात के गायकवाड़ परिवार से हैं जिसका इस गैलरी में स्थान है. इस गैलरी में एक स्लाइड शो भी तैयार कराया गया है जिसमें मराठा राज्यों के इतिहास को सचित्र स्लाइड के जरिये दिखाने की व्यवस्था की गयी है. खास बात ये भी है इस स्लाइड शो में तीस मराठा रियासतों की शाही पगड़ियों का भी समावेश किया गया है. इसमें सिंधिया राजवंश के महादजी सिंधिया, माधवराव प्रथम, जानकोजीराव, दौलत राव सहित अन्य योद्धा महाराजों के पोट्रेट भी लगाए गए हैं. इन सबका परिचय हिंदी और अंग्रेजी के अलावा मराठी में भी अंकित किया गए है.
सिंधिया के महल में पहली बार दिखेंगी झांसी की रानी
सिंधिया परिवार की नयी पीढ़ी 1857 की क्रांति और तत्कालीन सिंधिया महाराजाओं के अंग्रेजों से संपर्क और उस क्रांति में उनकी भूमिका को लेकर लगने वाले आरोपों को अब पूरी तरह बदलने में लगी है. स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह कहते हुए इसकी पहल की कि महज एक कविता लिख देने से कोई इतिहास नहीं बदल जाता. ज्योतिरादित्य सिंधिया, सिंधिया परिवार के पहले सदस्य बने जिन्होंने वीरांगना की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि देना शुरू किया और अब जयविलास पैलेस में स्थापित मराठा गैलरी में तैयार की गयी मराठा क्षत्राणियों के स्टेण्ड में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को भी स्थान दिया गया है. इसमें उन्हें मराठा क्षत्राणी के रूप में स्थान दिया गया है. इसमें वीरांगना झांसी की रानी के अलावा सिंधिया रियासत की महारानी रहीं वैजाबाई से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुन्दर और भावनात्मक पोट्रेट लगाय गए हैं.
अमित शाह करेंगे लोकार्पण
जयविलास स्थित सिंधिया म्यूजियम में इस मराठा गैलरी का लोकार्पण केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शाम को करेंगे. इसके बाद वे म्यूजियम का अवलोकन करेंगे और डिनर करने के बाद दिल्ली प्रस्थान करेंगे. इस दौरान केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे.
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