Singrauli News: आज विजयादशमी है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. दशहरे के इस अवसर पर आज हम आपको उस गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रावण ने मंदोदरी के साथ गंधर्व विवाह रचाया था. इस गुफा में आज भी कुछ ऐसे प्रमाण मौजूद हैं जिसकी कड़ियां रामायण से जुड़ती हैं.


सिंगरौली की इस गुफा में रावण ने रचाया था विवाह
 ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर सिंगरौली का इतिहास सिर्फ काला पानी तक सीमित नहीं, बल्कि सिंगरौली का इतिहास तो 6वीं-7वीं शताब्दी में एक समृद्ध क्षेत्र के रूप में रहा है,  यहां के जंगल की एक गुफा में रावण ने मंदोदरी के साथ गंधर्व विवाह रचाया था. वैसे सुनने में सिंगरौली का यह इतिहास चौंकाने वाला जरूर लग रहा होगा, लेकिन असलियत यही है, क्योंकि यह सत्यता सामने आयी है भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में.


गुफा में आज भी रामायण काल के साक्ष्य मौजूद
सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढ़न से 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित माडा में 10 किलोमीटर तक फैला हुआ एक विशाल जंगल है. ऐसी मान्यता है कि इसी जंगल की एक गुफा में रावण ने मंदोदरी के साथ विवाह रचाया था. रावण माडा गुफा में नटराजन की नृत्य करती मूर्ति, पत्थर ढोते वानरों के चित्र, देवी देवताओं के चित्र के साथ बने रहन-सहन कक्ष भी प्राचीन सभ्यता की कहानी कहते नजर आते हैं. 


वैसे तो माड़ा के जंगल मे अनेकों गुफाएं हैं लेकिन इसे रामायण काल से जोड़ने वाली सिर्फ रावण गुफा है, वन विभाग के सिंगरौली डीएफओ वी मधु राज बताते हैं कि विवाह माड़ा की मुख्य गुफा में वास्तु शास्त्र के महामंडप की चित्रकारी के निशान मिलते हैं. मंडप के पीछे चार प्रवेश द्वार वाला केन्द्रीय गर्भ गृह है. यह संरचनात्मक मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है. काफी विद्वानों ने यहां वास्तु कला का अध्ययन किया है. उल्लेखनीय है कि माडा गुफाओं का विशेष महत्व है, यहां की रावण गुफा में भी कई निशान मिले हैं जो रामायण काल में कई कड़ियों को जोड़ते हैं.  


रॉक कट स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण हैं ये गुफाएं
सिंगरौली भारत के मध्य में वन क्षेत्र में स्थित है और पहाड़ियों, पहाड़ों, नदियों और घाटियों से घिरा हुआ है. इन्हीं पहाड़ियों के बीच स्थित हैं माडा गुफाएं. ये गुफाएं न केवल रॉक कट स्थापत्य कला के सुंदर उदाहरण हैं बल्कि प्रतिमा-चित्रण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं. इन गुफाओं की एक शृंखला है जिन्हें विवाह माडा, गणेश माडा, जलजलिया माडा आदि विभिन्न नामों से जाना जाता है.


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