MP NEWS: उज्जैन शहर का एक इलाका ऐसा है जहां पर वर्तमान समय में किराए का मकान लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस इलाके के 160 परिवार बेघर हो गए हैं. इन सभी परिवारों को अपना सामान और अन्य जरूरतों के लिए किराए के मकान की आवश्यकता है. हालांकि इन परिवारों के रुकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा भी इंतजाम किए जा रहे हैं.
उज्जैन की विनोद मिल की चॉल को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. जिसके बाद 160 परिवारों का सामान सड़क पर आ गया है. जिला प्रशासन द्वारा जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण योजना के तहत बनाई गई मल्टी में जगह मुहैया कराई जा रही है, लेकिन यह व्यवस्था अस्थाई है. इलाके में रहने वाले किशोरीलल के मुताबिक उन्हें सामान रखने के लिए किराए के मकान की आवश्यकता है, लेकिन देवास गेट, सुदामा नगर, निजातपुरा, क्षीरसागर, मालीपुरा, बहादुरगंज और हीरा मिल की चॉल आदि इलाके में किराए के मकान उपलब्ध नहीं हो पा रहे है. लोगों ने मकान किराए पर से देने से साफ इनकार कर दिया है.
क्या कहना है जिला प्रशासन का
उज्जैन के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी संतोष टैगोर के मुताबिक विनोद मिल की चॉल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जो परिवार यहां रहते थे उन्हें अस्थाई रूप से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण योजना के तहत बनाई गई मल्टी में (कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए) बनाए गए मकानों में इन परिवारों को भेजा जा रहा है. कुछ लोग आसपास के इलाकों में भी किराए के मकान की तलाश कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा उन्हें उचित और बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
लोगों को क्यों पड़ रही है किराए के मकान की आवश्यकता
उज्जैन में विनोद मिल की चॉल में 160 मकान बनाए गए थे. ये मकान विनोद मिल ने मजदूरों के लिए बनवाए थे. मिल बंद होने के बावजूद कई परिवार इन मकानों में निवास कर रहे थे. अब इन मकानों को हटाने की कार्रवाई हो रही है. दरअसल विनोद मिल की 18 हेक्टेयर जमीन को विक्रय करने की कार्रवाई शुरू हो गई है. जिसके तहत अतिक्रमण हटाया जा रहा है. इसी वजह से यहां रहने वाले परिवारों को अपना सामान रखने और रहने के लिए किराए के मकान की आवश्यकता पड़ रही है.